सेब की खेती एक व्यवसायिक खेती है वर्तमान समय में इस खेती को केंद्र तथा राज्य सरकारें भी प्रोत्साहित कर रही है| यदि आप सेब की खेती वैज्ञानिक तरीके से करते है तो आपको अच्छी पैदावार तथा अच्छी लागत प्राप्त कर सकते है| विश्व में भारत का सब उत्पादन में नौवा स्थान है जहां सेब का कुल उत्पादन 1.48 मिलियन टन होता है| हमारे भारत देश में सेब के कुल उत्पादन का 58% जम्बू कश्मीर, 29% हिमाचल प्रदेश, 12% उत्तरांचल तथा 1% अरुणाचल प्रदेश में होता है|
यदि आप एक जागरूक किसान है और आप खेती से अच्छा लाभ चाहते है तो फिर आपको सेब की खेती ही करना चाहिए क्योंकि सेब की मांग भारतीय बाजारों में पूरे वर्ष बनी रहती है जिसके कारण से इसका भाव भी अच्छा खासा है| अगर आप सेब की खेती करना चाहते है परंतु आपको इसकी खेती से जुडी जानकारी नही है तो फिर आपके लिए यह लेख बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको सेब की खेती से जुडी कई आवश्यक जानकारी देंगे जैसे की सेब की खेती ? सेब की खेती के लिए उचित जलवायु ? सेब की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ? सेब की खेती के लिए उन्नत किस्में ? सेब की खेती कैसे करे ? सेब की खेती में सिंचाई कब और कैसे करे ? सेब की बागवानी में कौन सा खाद दाने ? सेब की खेती में लागत तथा कमाई ? आदि की विस्तार जानकारी आपको नीचे लेख में दी गई है|
सेब की खेती क्या है ?
यदि हम सब की खेती की बात करे तो, सेब की खेती भारत के कई प्रांतों में होती है जैसे की कश्मीर, उतराखंड, हिमाचल प्रदेश में सेब की कई नस्ल पैदा की जाती है| इस प्रदेशों में उन्नत किस्म के सेब की खेती होती है पर यदि वातावरण मिले तो यह सेब कही भी पैदा हो सकते है|
सेब की खेती किसानों की आर्थिक स्वास्थ को सुधारने में बेहद अहम भूमिका निभाती है| फलों में सेब की मांग बाजार में सबसे अधिक होती है कम लागत में सेब की खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते है| सेब की खेती ठंडे प्रदेशों में अधिक होती है परंतु अब तो सेब के कई किस्म विकसित हो गए है जिसकी खेती आप मैदानी प्रदेशों में भी आसानी से कर सकते है|
सेब की खेती के लिए उचित जलवायु ?
सेब शीतोष्ण जलवायु का फल है तथा भारत में सेब उत्पादन क्षेत्र शीतोष्ण कटिबंध क्षेत्र में नही आते है परंतु इस क्षेत्र की प्रचलित समशीतोष्ण जलवायु हिमालयी पर्वतमलाओ तथा ऊंचे स्थानों के कारण है| सेब की खेती हमेशा ठंडे क्षेत्रों में ही की जाती है और इसकी खेती के लिए 100 से 150 सेंटीमीटर बारिश वाले क्षेत्रों को उत्तम माना जाता है| ऐसे क्षेत्र जहा तीव्र गति से हवाएं चलती हो सेब उत्पादन के लिए उपयुक्त नही है| हवा के कारण सेब का पौधा एक तरफ झुक जाता है और पौधे की एक समान वृद्धि नही होती है| फुल खिलते समय शुष्क तथा तेज हवाएं फूलो को हानि पहुंचती है और मधुमक्खियों की परागण गतिविधि में भी बाधा डालती है जिससे फल उत्पादन में भारी कमी हो जाती है|
सेब की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ?
सेब की खेती के लिए गहरी उपजाऊ तथा दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है इसकी खेती करने के लिए खेत ऐसा होना चाहिए, जहां जलभराव न होता हो, क्योंकि जलभराव की स्थिति में पौधा को कई तरह के रोग से ग्रसित होने का डर होता है| इसके अलावा सेब की खेती में मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए|
सेब की खेती के लिए उन्नत किस्में ?
सेब की बागवानी के लिए कई अलग अलग तरह की किस्में है परंतु भारत में व्यापारिक खेती के लिए किसान सेब की कुछ ही किस्मों का सबसे अधिक उत्पादन करते है जिन्हे मौसम की जलवायु के अनुसार तैयार किया जाता है| नीचे कुछ प्रमुख किस्म कि जानकारी दी गई है|
रेड चीफ
सन फ्यूजी
हाइब्रिड 11-1/12
रॉयल डिलिशियस
ओरिगन स्पर
रेड गाला
गोल्डर स्पर
स्टार्क स्पर
राइमर
सेब की खेती कैसे करे ?
यदि आप सेब की खेती से अच्छा लाभ लेना चाहते है तो फिर आपको इसकी अच्छी पैदावार करनी पड़ेगी| इसके लिए आपको सही विधि से खेती करना आना चाहिए| नीचे हमने आपके सुविधा के लिए पॉइंट्स में जानकारी दी है|
सेब की बागवानी / खेती करने के लिए सबसे पहले आप खेत तैयार कर लेना है|
इसके लिए आपको सबसे पहले खेत में 2 से 3 बार अच्छे से जुताई कर देनी है|
फिर आपको खेत में रोटावेटर की मदद से मिटी भुर-भूरी कर देना है|
इसके बाद फिर पाटा की मदद से खेत को समतल कर दे|
कुछ दिनों के बाद पौधारोपण के लिए 10 से 15 फिट दूरी पर गड्डे बनाए|
हर एक गड्डे की गहराई कम से कम 2 फिट तक होनी चाहिए|
इसके बाद गड्डे में गोबर खाद तथा रासायनिक खाद डालकर अच्छे से मिलाए|
इसके बाद सिंचाई कर दे और फिर नमी आने पर पौधे की रुपाई कर दे|
सेब की खेती में सिंचाई कब और कैसे करे ?
प्रिय किसान भाईयों आपकी जानकारी के लिए बता दे की, सेब की खेती ठंडी के मौसम की जाती है इसलिए इनके खेत की अधिक सिंचाई करने की आवश्यकता नही है| इसके अलावा यदि हम सर्दी के मौसम की बात करे तो, सर्दी के मौसम में आप 2 से 3 बार सिंचाई कर सकते है परंतु पौधा रोपण के तुरंत बाद ही पहली सिंचाई करनी चाहिए फिर बारिश के मौसम में जरूरत के हिसाब से सिंचाई करे|
सेब की बागवानी में कौन सा खाद दाने ?
यदि हम सेब की बागवानी में उचित खाद की बात करे तो, सेब की खेती के लिए आपको प्रति पौधे के लिए 10 किलोग्राम गोबर खाद, 1 किलोग्राम नीम की खली, 70 ग्राम नाइट्रोजन, 35 ग्राम फास्फोरस तथा 720 ग्राम पोटेशियम प्रति वर्ष के अनुसार 10 साल तक खाद की मात्रा बदाकर डालनी चाहिए|
इसके अलाव सेब के पौधे को उर्वरक की सही मात्रा की आवश्यकता होती है इसके लिए गड्डे को तैयार करते समय आपको प्रत्येक गड्डे में 1ए से 12 किलोगाम गोबर की खाद के साथ NPK की आधा किलो की मात्रा को मिट्टी में अच्छे से मिला दे| पौधे के विकास के साथ उर्वरक की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए|
सेब की खेती में लागत तथा कमाई ?
सेब की 1 हेक्टेयर खेती में सिंचाई से लेकर कटाई तक प्रति वर्ष लगभग 1.5 से 2 लाख रुपए तक की लागत लगती है तथा पौधे लगाने के 4 वर्ष इसमें 80 % तक सेब आ जाते है| इसके अलावा वर्तमान समय में सेब की कीमत 140 रुपए प्रति किलो है| प्रति हेक्टेयर सब की खेती से आप 4 से 5 लाख रुपए आराम से कमा सकते है|