अनार एक व्यवसायिक खेती है इसी कारण से किसान भी अनार की खेती को व्यवसायिक खेती के तौर पर करता है| आज के समय में केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी अनार की खेती के लिए किसान को प्रोत्साहित कर रही है| हमारे भारत देश में अनार एक ऐसा फल है जिसका पूरे वर्ष मांग रहती है| यदि आप खेती से अच्छा पैसा कमाना चाहते है तो फिर आपको अनार की खेती ही करनी चाहिए क्योंकि इस खेती में आपको लागत लगती है और मुनाफा ज्यादा होता है| अनार की खेती नई विधि से करने के लिए आपको हमारे साथ अंत तक बने रहना है|
तो आइए, इस लेख में अनार की खेती को विस्तार से जाने. इस लेख में हम आपको कई आवश्यक जानकारी देंगे जैसे की अनार की खेती से जुडी जानकारी ? अनार की खेती सही विधि तथा सही तकनीक से कैसे करे ? अनार की खेती के लिए उचित जलवायु ? अनार की उन्नत किस्में तथा वैरायटी ? अनार की खेती कैसे करे? खाद तथा उर्वरक की मात्रा ? अनार के खेत / बगीचे में सिंचाई कब और कैसे करे? अनार के पौधे की कटाई तथा छटाई? अनार की खेती / बागवानी में लगात तथा कमाई? आदि की विस्तार जानकारी भी आपको इसी लेख में दी गई है|
अनार की खेती से जुडी जानकारी?
अनार का वानस्पतिक नाम प्यूनिका ग्रेनेटम है यह एक फल है| यह फल लाल रंग का होता है तथा यह स्वास्थ की दृष्टि से एक महत्पूर्ण फल है| आजकल किसान अनार की बागवानी करने की ओर बढ़ रहे है जिसके लिए सरकार भी इसकी खेती के लिए अच्छे पौधे तथा आर्थिक रूप से 30 से 70 फीसदी अनुदान देती है|
इसके अलावा किसानों को सबसे उत्तम सलाह यही रहेगी की इसकी बागवानी या खेती करने से पहले प्रशिक्षण और सरकारी विभाग तथा स्कीम की देखरेख में ही फॉर्म तैयार करे| जिससे आप 10 गुना तक का मुनाफा बढ़ा सकते है| यदि आप अनार की खेती करते है तो इस खेती से आप 15 से 20 साल तक अनार की उपज प्राप्त कर सकते है|
अनार की खेती सही विधि तथा सही तकनीक से कैसे करे?
अनार की खेती एक ऐसी विकल्पिक खेती है जिसमे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है| अनार की फसल किसानों को कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर देती है| यदि आप अनार की खेती करने में रुचि रखते है और अच्छी पैदावार भी प्राप्त करना चाहते है तो फिर आपको अनार की खेती वैज्ञानिक तरीके से करना चाहिए|
अनार की खेती के लिए उचित जलवायु?
आमतौर पर अनार का पौधा लगभग सभी जलवायु में पनपता है परंतु गर्म तथा शुष्क जलवायु इसके लिए बहुत अच्छी मनी जाती है| अनार के फल उगने हेतु सामन्या ठंड का मौसम अच्छा होता है अनार के फल 35 से 37 डिग्री तापमान पर अच्छे से परिपक्व होते है|
खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी / भूमि?
अनार का पौधा लगभग सभी तरह की मिट्टी में विकसित हो जाता है, लेकिन रेतीली जगहों वाली दोमट मिट्टी या हल्की मिट्टी में गुणतायुक्त फल प्राप्त किए जाते है| अनार की खेती के लिए 6 से 7 पी.एच. मान वाली क्षारीय मिट्टी ही प्रयोग में लाए, इस तरह की मिट्टी में अनार की अच्छी उपज होती है|
अनार की उन्नत किस्में तथा वैरायटी?
हमारे भारत देश में अनार मुनाफेदार खेती हेतु लगभग 25 प्रकार से भी अधिक वेराइटीया बोई जाती है| किसान अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार अनार की किस्में का चुनाव करते है| जिससे अच्छा उत्पादन होगा प्रमुख रूप से भारत में 5 प्रकार के अनार की वेरायटी में प्रसिद्ध है|
अनार की खेती कैसे करे?
अनार की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले खेत को अच्छे से खेत की जुताई कर तैयार कर लेना है|
खेत अच्छी तरह से तैयार होने के बाद अनार के पौधे के लिए 5*5 मीटर तथा 5*3 मीटर की दूरी पर पौधे के लिए गड्डे को तैयार कर लेना है|
गड्डे का आकार 2 फिट गहरा 2 फिट चौड़ा आकार में खोदकर 15 से 20 दिन के लिए खुला छोड़ दे|
इसके बाद गड्डे में 10 से 15 किलोग्राम कम्पोस्ट खाद नीचे साथ की मिट्टी में मिलकर गड्डे को भर दे|
अंत में किसान को अनार के पौधे लगाकर ऊपर की सामान्य मिट्टी के भरकर पौधे में सिंचाई कर दे|
खाद तथा उर्वरक की मात्रा?
यदि आप अनार की खेती कर रहे है और आपके पौधे एक साल के हो गए है तो फिर आपको अनार के प्रति पौधे में आपको 5 से 6 किलोग्राम तक आपको पशुओं की सड़ी गोबर की खाद देनी चाहिए तथा 250 ग्राम नाइट्रोजन, 125 ग्राम फास्फोरस तथा 125 ग्राम पोटेशियम प्रति पेड़ देना होगा|
अनार के खेत / बगीचे में सिंचाई कब और कैसे करे?
प्रिय किसान भाईयो आपकी जानकारी के लिए बता दे की, अनार के पौधे को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है यदि इसके पौधे की रोपाई बारिश के मौसम में की जाए तो इसकी पहली सिंचाई आपको 3 से 6 दिनों अंतराल में कर देनी है| बारिश का मौसम हो जाने के बाद पौधे को 10 से 15 दिनों के अंतराल में पानी दे|
अनार के पौधे की सिंचाई के लिए ड्रिप विधि द्वारा की गई सिंचाई से पौधे को उचित मात्रा में पानी प्राप्त हो जाता है जिससे पौधा अच्छे से वृद्धि करता है|
अनार के पौधे की कटाई तथा छटाई?
अनार के पौधे की अच्छी तरह से समय समय पर की गई कटाई व छटाई पौधे को जल्दी बड़ा होने तथा मजबूत होने में मदद करता है| यदि अनार के पौधे की कोई टहनी सुख गई है या रोग से ग्रस्त है उस टहनी की काटकर पौधे से अलग कर दे| यदि आप ऐसा करते है तो अनार के पौधे में रोग कम लगते है|
अनार की खेती / बागवानी में लगात तथा कमाई?
अनार की खेती करने के लिए पौधे तथा खाद को लेकर 1 हेक्टेयर जमीन में 1 से 2 लाख रूपी की लागत आ जाती है| बाजार में लगात बड़ती मांग के चलते अनार किसने के लिए कम समय में अच्छी कमाई का जरिया है| अनार के बगीचे तैयार कर इससे 18 से 20 वर्ष तक अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है|