प्रिय किसान भाईयों आपकी जानकारी के लिए बता दे की, पपीता एक फल है जिसका वैज्ञानिक नाम कॅरिका पपया ( Carica Papaya ) है तथा इसकी फेमिली केरिकेसी है| पपीता भारत में उगाई जाने वाली व्यवसायिक फसलों में से के है जोकि उच्च पोषण मूल्य के कारण इसकी मांग भी अच्छी रहती है| जानकारी के लिए बता दे की, विश्व के कुल पपीते के उत्पादन में भारत 46 प्रतिशत हिस्सेदारी है| यदि आप भी बागवानी फसलों की खेती करना चाहते है तो आप पपीता की खेती कर सकते है| इसकी सबसे खास बात यह है की इसकी खेती साल भर कर सकते है|
यदि आप पपीता की खेती करना चाहते है परंतु आपको इसकी खेती से जुडी खास जानकारी नही है तो फिर आपके लिए यह लेख महत्पूर्ण होने वाला है क्योंकि इस ले में हम आपको जानकारी देंगे की पपीता की खेती की जानकारी ? पपीता की खेती के लिए उचित मिट्टी ? पपीता की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु ? पपीते की खेती का उचित समय ? पपीते की प्रमुख किस्में ? पपीता की खेती कैसे करे ? पपीते की खेती में कौनसा खाद डाले ? पपीते की खेती के लिए भूमि तैयार कैसे करे ? निराई गुड़ाई कब और कैसे करे ? आदि की विस्तार जानकारी आपको यहां मिलेगी|
पपीता की खेती की जानकारी ?
पपीता एक लोकप्रिय फल है इसके फल कच्चे तथा पके दोनो रूपो में लोगों द्वारा काफी पसंद किए जाते है| यह एक पौष्टिक फल है जिसमे Vitamin A तथा C प्रचुर मात्रा में पाए जाते है| पपीता का फल पाचन क्रिया में सहायक है तथा इसके नियमित सेवन से कब्जीजत और बवासीर की शिकायत भी दूर होती है|
देश के विभिन्न राज्यो हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, जम्बू कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, आसाम और मिजोरम में इसकी खेती सर्वाधिक होती है| पपीता एक ऐसी फसल है जिसे गमलों में भी लगा सकते है परंतु इसके लिए खास किस्मों को ही लगाना चाहिए| गमले में लगाने के लिए पूसा नन्हा, पूसा ड्वार्फ आदि का चुनाव करना चाहिए|
पपीता की खेती के लिए उचित मिट्टी ?
पपीता के लिए हल्की दोमट तथा दोमट मिट्टी जिसमे जल निकासी अच्छा हो सर्वशेष्ट है| इसीलिए इसमें लिए दोमट, हवादार, काली, उपजाऊ मिट्टी का चयन करना चाहिए तथा मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए, खेत में पानी बिलकुल नही रुकना चाहिए| पपीता की खेती के लिए मध्य काली तथा जलोढ़ भूमि भी अच्छी होती है|
पपीता की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु ?
पपीते की अच्छी खेती गर्म नमी युक्त जलवायु में की जा सकती है इसे अधिकतम 38 से 44 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होने पर उगाया जा सकता है| न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस से कम नही होना चाहिए| आपकी जानकारी के लिए बता दे की, लू और पाले से पपीते को बहुत ज्यादा नुकसान होता है| इससे बचने के लिए खेत के उत्तरी पश्चिम में हवा रोधक वृक्ष लगाने चाहिए| पाला पड़ने की आशंका हो तो खेत में रात्रि के अंतिम पहर में धुवा करके तथा सिंचाई भी करते रहे|
पपीते की खेती का उचित समय ?
पपीता की खेती साल के बारहों महीने की जा सकती है परंतु इसकी खेती का उचित समय फरवरी तथा मार्च इसके अलावा अक्टूबर के के मध्य का माना जाता है क्योंकि इस महीनों में उगाया गए पपीते की पैदावार काफी अच्छी होती है| आपको अपने किस्म पर नजर रखते हुए समय पर बुवाई कर देना है अन्यथा आपकी पैदावार में गिरवाट भी हो सकती है|
पपीते की प्रमुख किस्में ?
राँची, कुर्ग हानिडीऊं, पूसा डेलीसियस, पूसा ड्वार्फ, पूसा मेजेस्टी, पपीता की उन्नत किस्में है जबकि माधुरी, विनायक, मधुबाला संकर किस्में है| इसके अलावा भी किस्म है जैसे की पूसा नन्हा, जाइंट, पंत पपीता आदि है|
पपीते की खेती के लिए भूमि तैयार कैसे करे ?
खेत को अच्छी तरह जोत कर समतल बनाए तथा भूमि का हल्का ढाल उत्तम है 4 मीटर के अंदर पर लंबा, चौड़ा, गहरा गड्ढा बनाए, इन गड्डे में 20 किलोग्राम गोबर की खाद, 500 ग्राम सुपर फास्फेट तथा 250 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश को मिट्टी में मिलाकर पौधा लगाने के कम कम 10 दिन पूर्व भर दे|
पपीता की खेती कैसे करे ?
यदि आप पपीता की खेती से अच्छा मुनाफा तथा पैदावार चाहते है तो आपको इसकी बुवाई सही विधि से करना होगा| यदि आप इसकी खेती सही विधि से नही करते है तो इसका प्रभाव आपको पैदावार में आवश्य दिखाई देगा| सही विधि से खेती करने के लिए आपको नीचे दी गई विधियों को फाेलो करना होगा|
इसकी खेती के लिए आपको सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना है|
इसके लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई कर लेनी चाहिए|
इससे खेत में मौजूद पुरानी फसल के अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे|
इसके बाद आपको खेत की पहली जुताई के पश्चात प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पुरानी गोबर की खाद देनी होती है|
खाद को मिट्टी में डालकर उसमे रोटावेटर लगाकर 2 से 3 बार जुताई करे|
इसके बाद खेत की अच्छी तरह से सिंचाई करे|
सिंचाई के 1 सप्ताह बाद, जब नमी आ जाए तब खेती की एक बार पुनः जुताई करे इससे खेत की मिट्टी भुर-भूरी हो जाएगी|
इसके बाद खेत में पपीता की बुवाई करे या फिर पौधे की रोपाई करे|
पपीते की खेती में कौनसा खाद डाले ?
पपीता जल्दी फल देना शुरू कर देता है इसीलिए इसे अधिक उपजाऊ भूमि की जरूरत है अतः अच्छी फसल के लिए 200 ग्राम नाइट्रोजन, 250 ग्राम फास्फोरस और 500 ग्राम पोटाश प्रति पौधे की आवश्यकता होती है| इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष 20 से 30 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद, 1 किलोग्राम हड्डी का चुरा तथा 1 किलोग्राम नीम की खली की जरूरत पड़ती है| खाद की यह मात्रा 3 बार बराबर मात्रा में मार्च से अप्रैल, जुलाई से अगस्त त्तहा अक्टूबर महीने में देनी चाहिए|
निराई गुड़ाई कब और कैसे करे ?
पपीते के पौधे की सिंचाई के दौरान पौधे के पास की भूमि काफी कठोर हो जाती है जिस वजह से पपीते के पौधे की जड़े उचित मात्रा में वायु नही प्राप्त कर पाती है| पौधे को उचित मात्रा में वायु प्राप्त हो सके इसके लिए पौधे की समय समय पर निराई गुड़ाई करना लाभदायक होता है तथा इससे पैदावार में असर देखने को मिलता है|