गर्मियों के मौसम में सब्जियों की मांग बनी रहती है क्योंकि गर्मियों में सब्जियों की आवक कम हो जाती है| ऐसे में सब्जियों के भाव भी आसमान छूने लगते है| आज के समय में करेले की खेती मुनाफेदार होती जा रही है जिसकी बाजार में अच्छे भावो के साथ हमेशा मांग रहती है| हमारे देश में करेला बहुत ज्यादा उपयोग होने वाली सब्जियों में से एक है तथा करेले अपने पौष्टिक एव औषधीय गुणों के कारण काफी लोकप्रिय सब्जी है|
यदि आप एक जागरूक किसान है और आप सब्जी के खेती से अच्छा मुनाफा चाहते है तो आपको करेले की खेती आवश्यक करनी चाहिए| अगर आपको इसकी खेती की जानकारी नही है तो फिर आपके लिए आज का यह लेख महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको करेले की खेती जुडी विस्तार जानकारी देंगे जैसे की - करेले की खेती क्या है ? करले की खेती कैसे करे ? करेले की खेती में कौनसा खाद डाले तथा किस मात्रा में डाले ? करले की खेती में लागत तथा मुनाफे की संपूर्ण जानकारी ? करले की नर्सरी कैसे तैयार करे ? करेले की औषधीय गुण ? आदि की विस्तार जानकारी आपको यहां देखने को मिलेगी|
करेले की खेती क्या है ?
भारतीय किसान भाई अधिकतर करेले की अगेती तथा पछेती खेती कर अच्छा लाभ कमाते है क्योंकि करेले की मांग भारतीय बाजारों में ज्यादा है इसकी चहलते इसका भाव भी काफी अच्छा है| करले की फसल एक ऐसी फसल हुआ जो की कम समय में भी की जा सकती है| इसको पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 70 से 80 दिनों का समय लगता है| करेले की खेती में लागत कम है और मुनाफा अधिक मिलता है इसीलिए छोटे किसान भी इसकी खेती बड़ी आसानी से कर सकते है| हमारे भारत देश में करेले को कई नामो से जाना जाता है जैसे की - कारवेल्लक, कारवेल्लिका, करेल, करेली तथा करेले आदि नामो से इसे जाना है परंतु इनमे से करेला नाम सबसे ज्यादा लोकप्रिय है|
करेले की औषधीय गुण ?
करेले में कई औषधीय गुण के अलावा खनिज, वसा, कार्बोहाइड्रेट के विटामिन A, विटामिन C भी पाया जाता है| करेला पाचन, ब्लड प्रेशर डायबिटीज गठिया जैसे आदि रोगियों के लिए करेले बहुत ही लाभकारी होते है| इसके अलावा करेले के बीजों से दवाई भी बनाई जाती है इसके अलावा करेला का अचार तथा जूस भी बनाया जाता है|
करेले की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ?
करेले की खेती के लिए किसी खास तरह की मिट्टी की जरूरत नही होती है इसे किसी भी उपजाऊ मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है| परंतु फिर भी इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है इसके अलावा करेले की खेती के लिए मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए|
उपयुक्त जलवायु ?
करेले के पौधे ठंडी जलवायु को भी आसानी से सहन कर लेती है किंतु सर्दियों में गिरने वाला पाला इसके पौधे को हानि पहुंचता है| इसके पौधे सामान्य तपामना पर अच्छे से विकास करते है परंतु बीजों को अंकुरित होने के लिए 20 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है|
करेले की प्रमुख उन्नत किस्म ?
हमारे भर देश में करेले की कई प्रचिलित प्रमुख किस्म है जो की निम्न है जिसकी जानकारी नीचे पॉइंट्स में दी गई है|
पंत करेले संकर
पूसा विशेष
अर्काहरित
कल्यानपुर सोना
कल्यानपुर वारामासी
अमन श्री
करेला VNR
कोयंबतूर लांग
करले की खेती कैसे करे ?
इसकी खेती के लिए आपको सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई करवा देनी है|
इसके बाद खेत में 2 से 3 गाड़ी सड़ी गोबर की खाद डाले|
इसके बाद पाटा लगाकर भूमि को समतल कर लेवे ताकि बाद में आपको जलनिकासी की समस्या न आए|
इसके बाद आपको 2, 2 फिट पर क्यारिया बनाए|
इसके बाद आपको बाजार से करेले के प्रमाणित बीज खरीद लेवे जो आपकी क्षेत्र की जलवायु के लिए उचित हो|
बुवाई के 1 से 2 दिन पूर्व आपको बीजों को उपचार करे|
इससे आपके सभी बीज पूरी तरह से उग जाएंगे|
इन क्यारियों की ढाल के दोनो ओर लगभग 1 से 2 सेंटीमीटर की दूरी बीजों की रुपाई करे|
इसकी खेती में आपको सिंचाई तथा खरपतवार पर विशेष ध्यान रखना है|
करेले की खेती में सिंचाई कब करे और कैसे करे ?
करेले के पौधे को सामन्य सिंचाई की आवश्यकता होती है सर्दियों के मौसम में इसके पौधे को 10 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करना चाहिए तथा गर्मियों के मौसम में 5 से 7 दिनों के अंतराल में सिंचाई करना चाहिए| यदि आप इसकी खेती बरसात के मौसम करते है तो फिर इस मौसम में सिंचाई की जरूरत नही होती है यदि फिर भी किसी कारण से वर्षा नही होती है तो आप आवश्यकता अनुसार सिंचाई कर सकते है|
करेले की तुड़ाई कब और कैसे करे ?
करले की बुवाई के लगभग 60 से 75 दिन में फसल तैयार हो जाती है फैसला तैयार होने के बाद फलों की तुड़ाई मुलायम तथा छोटी अवस्था में ही कर लेनी चाहिए| तोड़ते समय आपको ध्यान देना चाहिए कि करेले के साथ डंठल की लंबाई 2 से 3 सेंटीमीटर से अधिक होनी चाहिए तथा आपको करेले की तुड़ाई सुबह के समय ही करनी चाहिए|
करेले की खेती में कौनसा खाद डाले तथा किस मात्रा में डाले ?
करेले के खेत को बुवाई के 15 से 20 दिन पूर्व ही तैयार कर लेना चाहिए इसके लिए सबसे पहले खेत की जुताई करे फिर प्राकृतिक खाद के रूप में 10 से 12 गाड़ी सदी गोबर की खाद डाले| पौधे या बीज लगाने के बाद आपको क्यारियों में 300 किलोग्राम सुपर फसफोट, 200 किलोग्राम यूरिया तथा 90 किलोग्राम पोटाश की मात्रा को मिलाकर खेत की मिट्टी में अच्छे से मिलना होता है|
करले की नर्सरी कैसे तैयार करे ?
यदि अप करेले की खेती कर रहे है तो आपको करेले की बुवाई सीधे खेत में नही करनी चाहिए आपको पहले पौधे नर्सरी में तैयार कर लेना है क्योंकि नर्सरी के पौधे रोगमुक्त पौधे होते है| करेले के पौधे तैयार करने के लिए प्लांट ट्रे तथा कॉकपिट का उपयोग करे जो आपको कृषि दुकानों पर आसानी से मिल जाएगा|
करले की खेती में लागत तथा मुनाफे की संपूर्ण जानकारी ?
यदि आप अपने खेत में 1 एकड़ में करेले की खेती करना शुरू करते है तो आपको लगभग 30 हजार रुपए तक खर्च करना पड़ेगा यह तो हो गई लागत की बात और यदि हम इसकी मुनाफे की बात करे तो, आप प्रति एकड़ लगभग 3 लाख रुपए से अधिक मुनाफा करेले की खेती से कमा सकते है| यानी आप अपनी लागत से 10 गुना अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते है|