प्रिय किसान भाईयों आपको हमारे Blog Site पर स्वागत है आज हम आपको इस लेख की मदद से बाजरे की खेती से जुडी जानकारी देंगे| जानकारी के लिए बता दे की, भारतीय बाजारों में बाजरा गेहूं से महंगा बिकता है इसके चलते यदि आप एक जागरूक किसान है तो फिर आपको बाजरा की ही खेती करना चाहिए क्योंकि इस खेती से आप अच्छा खासा कमा सकते है|
यदि आपने बाजरे की खेती करने का मन बना लिए है और इसकी खेती करना चाहते है तो परंतु आपको इसकी खेती से जुडी कोई खास जानकारी नही है तो फिर आपके लिए आज का यह लेख बहुत ही खास जन वाला है क्योंकि इस लेख हम अपको बाजरे की खेती से संबंधी विस्तार जानकारी देंगे जैसे की बाजरा की खेती क्या है ? बाजरा की खेती के लिए उचित जलवायु और मिट्टी ? बाजरा की सिंचाई कब और कैसे करे ? आदि की विस्तार जानकारी आपको यहां इस लेख में मिलेगी|
बाजरा की खेती क्या है ?
बाजरा एक बहुत ही अच्छी फसल है, बाजरा एक प्रकार की खरीफ फसल है| जो की भारत देश में शुष्क क्षेत्रों में बहुत की जाती है इस खेती में कई विशेष ज्ञान तथा देख-रेख की आवश्यकता नही होती है परंतु बुवाई सही समय, सही विधि तथा सही किस्मों का चयन कर के इसकी खेती करना चाहिए|
हमारा भारत देश बाजरा उत्पादन में विश्व का आग्रणी देश है भारत के लगभग 80 से 90 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल में बाजरे की खेती की जाती है| जिसमे से 75 % का क्षेत्रफल गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान राज्यों से आता है| यदि हम पोषण की दृष्टि से बाजरे की बात करे तो इसमें अधिक प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, खनिज तत्व केरोटिन कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है|
बाजरा की खेती के लिए उचित जलवायु और मिट्टी ?
बाजरे की खेती के लिए उचित जलवायु की बात करे तो, बाजरे की खेती को शुष्क तथा अर्धशुष्क जलवायु वाली भूमि में कर सकते है तथा बारिश का मौसम शुरू होते ही बाजरे को खेत में उगा देना चाहिए| बाजरे के पौधे को पूरी तरह से अंकुरण के लिए 25 डिग्री तापमान की आवश्यक होती है इसके अलावा बाजरे के पौधे विकास के लिए 30 से 35 डिग्री का तापमान की आवश्यकता होती है परंतु 40 डिग्री तापमान पर भी बाजरे का पौधा अच्छी पैदावार दे देता है|
इसके अलावा यदि हम इसकी मिट्टी की बात करे तो, बाजरे की खेती लगभग सभी तरह की मिट्टी में की जाती है परंतु बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है| बाजरे की खेती के लिए जिस मिट्टी का आप चयन कर रहे है उस मिट्टी में जलभराव न हो इसकी उचित व्यवस्था होनी चाहिए तथा पानी ज्यादा दिनों तक भरे रहने से पौधे को रोग लग सकते है जिसमे फसल पूरी तरह से नष्ट हो सकती है|
बजारे की खेती के लिए उचित खाद तथा उचित मात्रा ?
बजाते की खेती को कही समय, उचित खाद तथा सही मात्रा में खाद की बहुत जरूरत होती है| इस खेती में आपको थोड़ी देखभाल की आवश्कता लगेगी| यदि आपको जानकारी नही है की बाजरे की फसल में कितनी मात्रा में कौनसा खाद डालना है इसकी जानकारी नीचे दी गई है आप इसे फॉलो करे|
नाइट्रोजन 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
फास्फोरस 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
पोटाश 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
बाजरा की सिंचाई कब और कैसे करे ?
बाजरा एक ऐसी फसल है जिसको कम पानी की आवश्यकता होती है वर्षा ऋतु में बुवाई के कारण वर्षा का ही पानी पर्याप्त होता है परंतु वर्षा न होने से फसल में फुल आने पर एक या फिर दो सिंचाई आवश्यकतानुसार करनी चाहिए| इस फसल में जल निकास का प्रबंध अति आवश्यक है|
बाजरे की खेती कैसे करे ?
यदि आप बजारे की खेती से अच्छी पैदावार चाहते है तो फिर आपको इसकी खेती सही विधि से करनी चाहिए क्योंकि यदि आप सही तरीके से खेती नही करते है तो फिर आपको शायद अच्छी पैदावार न मिल सके| यदि आपको सही तरीके से खेती करने की जानकारी है तो नीचे सही विधि बताई गई है आपको इसे फॉलो करना चाहिए|
सबसे पहले आपको पुरानी फसल की कटाई अच्छे से कर लेना है|
इसके बाद आपको बचे शेष फसल को एक तरफ जमा कर देना है यह आपके पशुओं का भोजन हो जाएगा|
अब आपको 2 से 3 बार गहरी जुताई कर लेनी है|
इसके बाद खेत को कम से कम 1 से 2 सप्ताह के लिए खाली छोड़ देना है|
फिर जब बारिश का मौसम आने लगे तब आपको एक बार पुनः खेत की अच्छे से जुताई करे|
इसके बात आपके खेत की मिट्टी की जांच करवाए, ध्यान रखे मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए|
इसके बाद उचित मात्रा में सड़ी गोबर की खाद डाले|
अब आपको इसे अच्छे से मिक्स कर लेना होगा|
फिर खेत को पाटा की मदद से समतल करे ताकि आपको जल भराव की समस्या न रहे|
इसके बाद आपको उचित समय आने पर बुवाई करे|
बुवाई के तुरंत बाद ही आपको सिंचाई कर देना है|
बाजरा खेती में कब और कैसे खरपतवार करे ?
बाजरे की खेती के लिए निराई गुड़ाई का अधिक महत्व है पहली निराई गुड़ाई बुवाई के 15 से 20 दिन बाद करनी चाहिए और दूसरी निराई गुड़ाई 35 से 40 दिन के बाद करनी चहिए| इस फसल में खरपतवार करते समय पौधे को छटनी तथा थिनिंग आवश्यकतानुसार करनी चाहिए| यदि फसल में पत्थरचट्टा के अलावा अधिक खरपतवार जमाते है तो बुवाई के 1 से 2 दिनों के अंदर लासो 50 ई.सी. तथा एलकलोर 5 लीटर भूमि पर छिड़काव करना चाहिए जिसमे खरपतवार का जमाव ही न हो सके|
बाजरा की उन्नत किस्में ?
अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए बाजरे की उन्नतशील प्रजातियों का शुद्ध बीज ही होना चाहिए आईजी संकुल प्रजातियों में से निम्न है जिसकी विस्तार जानकारी आपको नीचे दी गई है|
डब्लू सी. सी. 75
आई.सी.एम.बी 155
श्री राम 8494
MPMH 17 हाइब्रिड बाजरा का बीज
NANDI 70, 72
रासी 1827 हाइब्रिड बाजरा का बीज
संकर प्रजातियों में पूजा 322
Kavri सुपर बॉस
RHB 121