हमारे भारत देश में ककड़ी की खेती जायद की फसल के रूप में की जाती है क्योंकि गर्मियों के मौसम में ककड़ी को खाना स्वास्थ के लिए लाभदायक होता है तथा गर्मियों में इसको खाने से लू लगने का खतरा कम हो सकता है| ककड़ी की खेती एक ऐसी खेती है जो कि बहुत कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है यदि किसान भाई इसकी खेती वैज्ञानिक विधि से करे तो उनको इस खेती से डबल मुनाफा होता है यदि आप भी एक जागरूक किसान है तो फिर आपको भी इसकी खेती करनी चाहिए|
आज का यह सुंदर लेख आप सभी किसान भाइयों के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम ककड़ी की खेती से जुड़ी सभी जानकारी देंगे जैसे की - ककड़ी की खेती क्या है ? खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ? ककड़ी की खेती के लिए उचित समय ? ककड़ी की खेती के लिए उपयुक्त तापमान तथा जलवायु ? ककड़ी की खेती में सिंचाई कब और कैसे करे ? ककड़ी की खेती कैसे करे ? आदि विषयों की विस्तार जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी|
ककड़ी की खेती क्या है ?
ककड़ी की मांग गर्मियों में काफी बढ़ जाती है क्योंकि ककड़ी अधिकतर गर्मी में खाई जाती है ककड़ी में पर्याप्त मात्रा में पानी तथा विटामिंस पाई जाती है जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते है| ककड़ी को मुख्य रूप से सलाद तथा सब्जी के लिए इस्तमाल किया जाता है| ककड़ी के पौधे लता के रूप में फेलकर विकास करते है भारत में ककड़ी की खेती लगभग सभी जगहों पर की जाती है
ककड़ी की खेती के लिए उपयुक्त तापमान तथा जलवायु ?
ककड़ी की खेती को समशीतोषण जलवायु की जरूरत होती है बारिश के मौसम में इसके पौधे ठीक से विकास करते है परंतु गर्मि का मौसम पैदावार के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है तथा इसके बीज को पूरी तरह से अंकुरित होने में 20 डिग्री तापमान की आवश्यकता पड़ती है तथा पौधा विकास के लिए 25 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त होता है|
खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ?
ककड़ी की खेती के लिए दोमट तथा रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है परंतु मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए| इसकी खेती करने के लिए जलनिकासी की विशेष व्यवस्था कर लेनी है इससे आपके खेत में बरसात के मौसम में पानी भरा नही रहेगा|
ककड़ी की खेती के लिए उचित समय ?
यदि आप ककड़ी की खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते है तो फिर आपको इसकी बुवाई समय से करनी पड़ेगी अन्यथा अपको इससे अच्छी पैदावार नही मिल सकेगी| बीजों की बिजाई के लिए उपयुक्त समय फरवरी से मार्च माह का है| बीजों को 2.3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई में लगाए तथा बीजों को बैड या मेंड पर सीधे बोया जाता है| बुवाई के समय आपको बीज दर का भी ध्यान रखना है लगभग 1 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज का उपयोग करे|
खेती के लिए उचित उपयुक्त खाद ?
ककड़ी की खेती के लिए शुरुआत में 15 गाड़ी के आसपास पुराने गोबर की खाद को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में डालकर मिट्टी में मिला दे| तथा खेत में रासनिक खाद डालने से पहले मिट्टी की जांच करा ले जांच के बाद आवश्यकता अनुसार रासायनिक उर्वरक का छिड़काव खेत में करे|
25 किलोग्राम के आसपास यूरिया की मात्र का छिड़काव फुल खिलने से पूर्व कर देने से पैदावार में फर्क देखने को मिलता है| इस खेती में सही मात्रा में खाद देना बहुत जरूरी है|
ककड़ी की खेती कैसे करे ? Step By Step
यदि आप इसकी खेती सही विधि से करते है तो आप अच्छा खासा कमा सकते है क्योंकि सही विधि से उत्पादन ज्यादा होता है| ऐसे में यदि आप ककड़ी की जैविक खेती करते है तो आप अधिक कमाई कर सकते है| इसकी खेती करने की विधि नीचे दी गई है इसे आप स्टेप बाय स्टेप फॉलो करे|
आपको सबसे पहले खेत में से पुरानी फसल की कटाई अच्छे से करवा लेनी और शेष फसल को एक तरफ जमा कर लेना है|
इसके बाद आपको अपने खेत की गहरी 2 बार तिरछी जुताई कर लेवे|
इसके बाद आपको खेत को कुछ दिनों के लिए खाली छोड़ दे|
कुछ दिनों के बाद आपको पाटा की मदद से खेत को समतल कर देना है|
इससे आपको जलनिकासी की समस्या नही आएगी|
जब भी आप ककड़ी की बुवाई करे इसके 15 दिन पूर्व सिंचाई कर लेवे |
जब खेत में नमी रहे इसके बाद आपको इसकी बुवाई करे|
बुवाई के लिए आपको प्रमाणित बीजों का ही चयन करे|
बुवाई के 20 से 25 दिनों के बाद आपको एक बार निराई-गुड़ाई जरूर कर लेवे|
इससे खेत की सफ़ाई हो जाएगी और ककड़ी का पौधा जल्दी विकास करने लगेगा|
ककड़ी की खेती में सिंचाई कब और कैसे करे ?
ककड़ी की खेती गर्मी के मौसम की जाति है इसलिए इसे समय समय पर सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है| आपकी जानकारी के लिए बता दे की, ककड़ी की फसल में पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद ही कर देनी चाहिए तथा दूसरी सिंचाई 1 सप्ताह बाद कर देनी है जिससे बीज अच्छी तरह पौधा का स्वरूप लेले| मिट्टी में नमी के आधार पर 7 से 8 दिनों में भरपूर सिंचाई करते रहे| इसके अलावा जब आप फसल की तुड़ाई तथा फुल निकलने के समय 2 से 3 दिनों में सिंचाई कर दे ताकि फसल ताजी, चमकदार रहे|
ककड़ी के प्रकार ?
ककड़ी कई तरह की होती है परंतु नीचे मुख्य ककड़ी के प्रकार की जानकारी दी गई है जो हमारे भारत देश में काफी प्रचिलित भी है|
देसी ककड़ी
तर ककड़ी
कमल ककड़ी
रेती ककड़ी
खीरा ककड़ी
ककड़ी फसल की कटाई कब और कैसे करे ?
ककड़ी की खेती में ज्यादा समय नही लगता है इसकी खेती से 2 से 3 माह में तैयार हो जाती है तथा इसके फल लगभग 70 दिनों के मध्य में कटाई के लिए तैयार हो जाते है| कटाई मुख्य तौर पर फल के पूरी तरह विकसित होने तथा नर्म होने पर की जाती है| कटाई मुक्त रूप से फुल निकलने के मौसम में 3 से 4 दिनों के अंतराल में की जा सकती है|
ककड़ी की खेती से लाभ तथा पैदावार ?
ककड़ी की विभिन्न किस्म का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 200 कुंटल के आसपास पाया जाता है जबकि ककड़ी का बाजार भाव मांग के अनुसार अलग अलग पाया जाता है| अर्थात किसान भाई एक बार में ओसत 1 से 2 लाख रुपए की कमाई आसानी से इस खेत में कर सकते है|