यदि आप एक जागरूक किसान है और आप खेती से अच्छा लाभ चाहते है तो फिर आपको टमाटर की खेती करना चाहिए क्योंकि हमारे भारत देश में टमाटर की मांग पूरे वर्ष भर रहती है जिससे कारण से इसका भाव भी काफी अच्छा मिल सकता है| टमाटर बहुत ही लोकप्रिय सब्जी है तथा टमाटर का उपयोग टोमैटो सॉस, चटनी, चाट बनाने में भी किया जाता है|
आज के इस सुंदर लेख में हम आपको टमाटर की नर्सरी से संबंधित विस्तार जानकारी देंगे जैसे की - टमाटर की बुवाई विधि ? टमाटर की नर्सरी कौन से महीने में तैयार करनी चाहिए ? टमाटर की नर्सरी कैसे तैयार करे ? टमाटर नर्सरी कितने दिनों में तैयार होती है ? नर्सरी में टमाटर के पौधे तैयार करने की विधि ? आदि की विस्तार जानकारी आपको इस लेख में ही मिलेगी|
टमाटर की बुवाई विधि ?
प्रिय किसान भाईयों, आपकी जानकारी के लिए बता दे कि टमाटर की खेती करने के लिए आपको टमाटर के बीज की सीधी खेत में बुवाई नही करनी है| पहले आपको टमाटर के पौधे नर्सरी में तैयार कर लेना है फिर जब पौधा नर्सरी में पूरी तरह से तैयार हो जाए तब आपको अपने खेत में पौधे की रुपाई कर देनी है| नर्सरी विधि से टमाटर की खेती करने पर अधिक उत्पादन होती है|
टमाटर की नर्सरी कैसे तैयार करे ?
टमाटर की नर्सरी बहुत ही सावधानी से तैयार करनी चाहिए क्योंकि टमाटर की नर्सरी में फंगस, डैपिंग की समस्या आती है| आपकी जानकारी के लिए बता दे की, टमाटर की नर्सरी किसान 2 तरीके से कर सकते है. पहले तो वह प्लास्टिक प्रो ट्रे और दूसरा समतल जगह में मिट्टी को समतल कर जैविक खाद मिलाकर टमाटर की नर्सरी
बीज की मात्रा ?
यदि आप सर्दी के मौसम इसकी खेती करते है तो फिर आपको लगभग 400 से 500 ग्राम बीज प्रति एकड़ बीज दर रखना होगा इसके अलावा यदि आप बसंतकालीन में टमाटर की खेती करते है तो फिर आपको लगभग 200 से 300 ग्राम बीज प्रति एकड़ प्रयाप्त है|
टमाटर नर्सरी कितने दिनों में तैयार होती है ?
टमाटर की नर्सरी को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 1 माह लगता है| जब पौधा पूरी तरह से तैयार हो जाए तभी आपको पौधे की रुपाई करनी चाहिए|
टमाटर की नर्सरी कौन से महीने में तैयार करनी चाहिए ?
जनवरी में टमाटर के पौधे की रुपाई के लिए किसान नवंबर माह के अंत में टमाटर की नर्सरी तैयार कर सकते है| यदि आप सितंबर में इसकी रुपाई करना चाहते है तो फिर आपको इसकी नर्सरी जुलाई के अंत में तैयार करनी चाहिए| इसके अलावा यदि आप मई माह में रुपाई करना चाहते है तो अपको मार्च तथा अप्रैल माह में ही नर्सरी तैयार कर लेना है|
नर्सरी में टमाटर के पौधे तैयार करने की विधि ?
सबसे पहले आपको अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा लेनी है|
मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए|
नर्सरी पौधे के लिए उपयुक्त मिट्टी में सड़ी गोबर या फिर आप कम्पोस्ट खाद की उचित मात्रा में उपयोग कर सकते है|
इसके बाद आपको इसे समतल कर लेनी है|
अब आपको नर्सरी अच्छे से तैयार करवा लेनी है और पौधे क्यारियों या फिर सीड्स ट्रे शीट में तैयार कर सकते है|
अब आपको उपचारित करने के बाद, बीजों की बुआई कर देनी है|
बीज की बुआई करीब 3 से 5 सेंटीमीटर की दूरी पर करना चाहिए|
बिना नमी की स्थिति में तुरंत सिंचाई करे|
नमी रखने के लिए एक दिन पूर्व मिट्टी क्यारी में सिंचाई करके रखे|
नर्सरी की बुवाई के 1 माह बाद जब टमाटर का पौधा 10 से 15 सेंटीमीटर हो जाए तब खेत में रुपाई कर सकते है|
पौधा कितने दिनों में फल देने लगता है ?
जानकारी के अनुसार टमाटर की सामन्य किस्म बीज बुवाई से 60 से 70 बाद टमाटर तुड़ाई के लिए तैयार होती है| इसके अलावा यदि किसान खेती में उन्नत तरीको, उन्नत बीज, खाद, सिंचाई उर्वरक तथा खरपतवार पर विशेष ध्यान दे तो 50 से 55 दिनों के मध्य ही पौधे में फल आने लग जाते है|
टमाटर की खेती में उर्वरक की उचित मात्रा?
टमाटर की खेती में पोषण तत्वों की अधिक जरूरत होती है तथा खेत में खाद की सही मात्रा को सही समय पर जरूर दे| इसके लिए पहली जुताई के समय प्रति हेक्टेयर खेत में लगभग 20 गाड़ी सड़ी गोबर की खाद को दो से तीन हफ्ते पहले खेत में डाले| यदि आपके यहां गोबर की सड़ी खाद की व्यवस्था न हो तो फिर आप रासायनिक खाद का भी उपयोग कर सकते है| इसके लिए खेत की अंतिम जुताई के समय 80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम पोटाश तथा 60 किलोग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाले|
टमाटर में लगने वाले रोग ?
टमाटर की फसल में कई तरह के किट वाले रोग लग सकते है जो की खासकर पौधे के कोमल भागो को ही हानि पहुंचाते है जिसकी जानकारी नीचे दी गई है|
सफेद मक्खी
हरा तेला किट रोग
तम्बाकू की इल्ली
फल छेदक
टमाटर के पौधे को पानी कैसे दे ?
पहली सिंचाई पौधे रोपण के तुरत बाद तथा इसके पश्चात आवश्यकतानुसार 8 से 10 दिनों के अंतराल पर करे| टमाटर में सिंचाई मुख्यत: नाली वाली विधि से की जाती है|
खरपतवार नियंत्रण ?
इस खेती में 2 से 3 निंदाई - गुड़ाई की आवश्यकता पड़ती है पहली तो पौधा रोपण के लगभग 25 दिनों के बाद तथा दूसरी पौधे रोपण की 45 दिनों के बाद| टमाटर की फसल में रसानिक खरपतवार नियंत्रण भी संभव है इसके लिए पेंडीमेथालीन नामक दवा का 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से पौधे रोपण के लगभग 4 से 5 बाद छिड़काव करे|
टमाटर का उत्पादन कितना होता है ?
यदि हम टमाटर के उत्पादन की बात करे तो, इसकी उत्पादन काफी अच्छी तरह से तैयार खेत में टमाटर की ओसत उपज 350 से 480 कुंटल प्रति हेक्टेयर तथा टमाटर की हाइब्रिड किस्म की उपज की बात करे तो 700 से 800 कुंटल प्रति हेक्टेयर तक की हो सकती है|
टमाटर की खेती करते समय प्रमुख सावधानियां -
टमाटर की खेती के लिए बीजों का चुनाव करना चाहिए ।
टमाटर के पौधे को आवश्यक रूप वाली जगह पर रखना चाहिए ।
टमाटर के बीच बराबर दूरी बनाए रखनी चाहिए ।
टमाटर की नर्सरी बनाकर उनका पोषण करना चाहिए । समय पर बुबाई एवं रोपण करना चाहिए ।
कीट रोगों से बचने के लिए जैविक तरीके एवं रसायनिक तरीकों का प्रयोग करना चाहिए
टमाटर की पौध को पर्याप्त एवं उसके अनुकूल वातावरण मिलना चाहिए।