आपकी जानकारी के लिए बता दे की कोकोपीट पौधे के लिए आवश्यक नमी, जल निकास तथा वायु संचरण का संयोजन प्रदान करता है| कोकोपीट को नारियल कॉयर डस्ट के रूप में भी जाना जाता है, जो की एक उत्तम मृदा कंडीशनर है| कोकोपीट स्वाभाविक रूप से एंटी फंगल होता है जो बीज के रोपण के लिए फायदेमंद होता है| कोकोपीट को गार्डिंग के लिए मिट्टी में सुधार करने, मिश्रण तैयार करने तथा हाइड्रोपोनिक उत्पादन के लिए उपयोग में लिया जाता है|
जो लोग गार्निंग के शौकीन होते है तथा जिन्हे गार्डनिंग करना बहुत अच्छा लगता है उन सभी के लिए यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको कोकोपीट से संबंधित जानकारी देंगे जैसे की कोकोपीट क्या है? कोकोपीट कैसे काम करता है? घर पर कोकोपीट कैसे तैयार करे? कोकोपीट के प्रमुख फायदे? मिट्टी में कोकोपीट कैसे मिलाए? कोकोपीट को डाइकंपोज विधि से कैसे तैयार करे? कोकोपीट को उपयोग करने का नया तथा आसान तरीका क्या है? कोकोपीट की प्रमुख विशेषता क्या है? कोकोपीट के बीज कैसे लगाए, संपूर्ण विधि? कोकपीट कहा से खरीदना अच्छा होता है?
कोकोपीट क्या है?
कोकोपीट को नारियल के छिलकों से तैयार किया जाता है, यह एक प्राकृतिक पाउडर होता है| जिसे आप नारियल के कचरे से तथा छिलके से, खोल से बनाया जाता है| कोकोपीट 100% ऑर्गेनिक उत्पाद है, गार्डिंग तथा खेती के लिए उपयोग करने के लिए कोकोपीट मिट्टी तथा पौधे के लिए बहुत ही अच्छा उत्पाद है| कोकोपीट एक प्रकार की कृत्रिम पोषण तत्व होता है, जो की पौधे के विकास के साथ-साथ पैदावार के लिए सहायक होता है|
कोकोपीट क्या काम करता है?
कोकोपीट मिट्टी के आवश्यक तत्वों को पूरा करने का कार्य करता है, यदि आप इसका उपयोग आप आपने गार्डन में करते है तो इससे पौधे का विकास जल्दी होगा तथा पौधा स्वस्थ होगा तथा यह मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने का कार्य करता है|
घर पर कोकोपीट कैसे तैयार करे?
कोकोपीट को आप बाजार से आसानी से खरीद सकते है, परंतु आप इसे घर पर भी बना सकते है| इसके लिए आपको नीचे निम्न पॉइंट्स को फॉलो करना होगा|
सबसे पहले आपको कुछ नारियल के छिलके एकत्र कर लेना है|
इसके बाद आपको इन्हे 3 से 4 दिन तक धूप में रख देना है|
छिलके सूखने के बाद आपको इसे हतोडे से छोटे छोटे टुकड़े कर लेना है|
आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है की एक भी टुकड़े बड़ा नही होना चाहिए|
इसके बाद आपको नारियल के छोटे छोटे टुकड़ों को मिक्सचर में पीस लेना है|
अब आपको इन छिलके को छलनी में छान लेना है|
इसके बाद आप इसका उपयोग कर सकते है|
कोकोपीट के प्रमुख फायदे
कोकोपीट में पानी धारण करने की क्षमता, मिट्टी की अपेक्षा से अधिक होती है|
मिट्टी पौधे के अनुसार नमी बनी रहती है|
कोकोपीट एक तरह की एंटी फंगल होता है|
इसमें बैक्टेरिया और फंगस लगने के चांस बहुत कम होते है|
कोकोपीट काफी सस्ता होता है|
कोकोपीट आपको बाजार में आसानी से मिले जाएगा|
आप इसे घर पर भी बना सकते है|
मिट्टी में कोकोपीट मिलाने से मिट्टी में वायु का प्रवाह अच्छे से होता है|
मिट्टी में कोकोपीट कैसे मिलाए?
यदि आप कोकोपीट तथा मिट्टी का अच्छा मिश्रण करना चाहते है तो आपको सर्वप्रथम एक बाल्टी में कोकोपीट ब्रिक को डाले|
इसमें आवश्यकता अनुसार पानी डाल देना है, पानी को डालकर बारीक बारीक तोड़कर 20 मिनिट के लिए छोड़ दीजिए|
पौधे की मिटी को आपको हल्के से लूज कर ले|
इसके बाद आपको पानी में से कोकोपीट को निकालकर मिट्टी के ऊपर डाले तथा अच्छे से मिट्टी को मिक्स कर ले|
कोकोपीट को डाइकंपोज विधि से कैसे तैयार करे?
यदि आप कोकोपीट को डाइकंपोज विधि से तैयार कर रहे है तो सबसे पहले आपको नारियल के छिलके एकत्र कर लेना है|
इसके बाद आपको किसी बड़े मिट्टी के बर्तन में पानी भर कर छिलके डाल देना है|
अब आपको इसे 3 माह के लिए डाइकंपोज होने के लिए छोड़ दे|
3 माह बाद इसे धूप में सुखा लेना है|
अब आपको सावधानी से छिलके से रेशे निकाल लेनी है|
इस तरह प्राप्त किए गए रेशे तथा बुरादे को पौधे में उपयोग कर लेना है|
कोकोपीट के बीज कैसे लगाए, संपूर्ण विधि?
यदि आप कोकोपीट के बीज लगाना चाहते है तो आपको नीचे पूरी जानकारी प्वाइंट में दी गई है| जानकारी आपको एक बार अच्छे से पढ़ लेनी है|
कोकोपीट के बीज लगाने के लिए आपको सबसे पहले कोकोपीट को नम बनाना होगा|
इसके बाद आपको इसमें पानी डाल देना है|
अब आपको प्रो सीड्स तथा नर्सरी में उपजाऊ मिट्टी की जगह इसका प्रयोग करके बीज लगा कर हल्की सिंचाई कर देनी है|
ध्यान रखिए बीज आपको सिडलिंग को नियमित रूप समय समय पर पानी देते रहना है|
कोकोपीट को उपयोग करने का नया तथा आसान तरीका क्या है?
इसका उपयोग ज्यादातर लोग मिट्टी में मिला के ही उपयोग करते है|
बिना मिट्टी के उपयोग करने पर आपका पौधा जल्दी ही सुख जाता है|
यदि आप पौधे लगा रहे है तो आपको इसका विशेष ध्यान रखना है की आपको वर्मी कंपोस्ट तथा गोबर की खाद, कोकोपीट का उपयोग ( 2:1:1 ) के अनुपात में करना है|
यह अनुपात काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे पौधा जल्दी मिट्टी में सेट हो जाता है|
कोकोपीट की प्रमुख विशेषता क्या है?
कोकोपीट की प्रमुख विशेषता की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको नीचे दिए पॉइंट्स को ध्यान से पढ़ लेना है|
कोकपीट की मुख्य विशेषता यह है की, यह पौधे को जल्दी विकास करती है|
मिट्टी में मिलाने से मिट्टी भी बहुत हल्की हो जाती है|
इसमें बैक्टेरिया तथा फंगस नही लगता है|
इसके अलावा यह पौधे में बीमारियों से दूर रखता है|
कोकोपीट को आप जब तक वह सुखा है, तब तक अप उसे एक वर्ष से दो वर्ष तक काम में ले सकते है|
कोकपीट कहा से खरीदना अच्छा होता है?
कोकपीट आपको भारतीय बाजार में आसानी से मिल जाएगा, यदि आपको यह बाजार में नही मिलता है तो आप इसे ऑनलाइन माध्यम से भी मंगवा सकते है| इसके अलावा आपके पास एक विकल्प यह भी है की आप इसे अपने घर पर भी बना सकते है| यदि अप घर पर बना रहे है तो, एक नारियल में लगभग 100 ग्राम छिलका निकलता है इसके हिसाब से आपको नारियल लाना है|