आपकी जानकारी के लिए बता दे की, नीम के पेड़ का वैज्ञानिक नाम Azadirachta Indica है, हमारे भारत देश में नीम का पेड़ हर जगह पाया जाता है| नीम का पेड़ बहुत ही गुणकारी होता है तथा नीम के पेड़ की ऊंचाई 50 से 140 फुट तक की हो सकती है, इसका हर अंग कड़वा होता है|
आज का यह लेख सभी के लिए महत्वपूर्ण लेख होने वाला है क्योंकि इस लेख हम आपको नीम के पेड़ की जानकारी देंगे| जैसे की नीम का पेड़ क्या होता है? नीम के पेड़ कैसे और कब लगाए? छोटे नीम के पौधे की देखभाल करे? नीम के पौधे की खरपतवार नियंत्रण कैसे करे? नीम के पौधे की खरपतवार नियंत्रण कैसे करे? नीम के पौधे की खरपतवार नियंत्रण कैसे करे? नीम के छोटे पौधे की सिंचाई कब और कैसे करना चाहिए?
नीम का पेड़ क्या होता है?
भारतवासी नीम के वृक्ष को अलग-अलग तरह से अपने जीवन शैली में प्रतिदिन उपयोग करते है, ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने दांत को साफ रखन के लिए नीम की डालियों से दातुन करते है| नीम का वृक्ष हमे दिन में लगातार ऑक्सीजन देता रहता है, नीम के पेड़ की छाल बहुत ही कठोर होती है तथा वृक्ष का रंग लाल भूरे रंग का होता गई| नीम से बहुत सारे रोग का उपचार किया जाता है, नीम का पेड़ वायु को शुद्ध रखत है| यह जमीन में पानी का संरक्षण भी करता है, नीम के पौधे की पत्तियों का स्वाद कड़वा होता है|
नीम की पत्तियां पतझड़ के मौसम में पूरी तरह से झड़ जाती है तथा इसमें मार्च - अप्रैल माह में नई पत्तियां आती है| नीम के पेड़ की पत्तियां, फल और छल आदि कड़वे होते है परंतु औषधीय गुण में मीठे होते है| नीम के पेड़ की जीवनकाल लगभग 150 से 200 वर्ष तक माना जाता है|
नीम के पेड़ कैसे और कब लगाए?
नीम के पौधे की बिजाई का समय मानसून के समय में 4 से 6 महीने पुराने पौधे को लगाना चाहिए, पौधे की बुआई के समय आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है की बिजाई आपको तथा आपको बीजों को 15 से 20 cm की दूरी पर ही बिजाई करनी है तथा 1 से 1.5 cm गहरे बीज की बिजाई के बाद आपको इसमें हल्की सिंचाई कर देनी है|
बिजाई करने से पूर्व आपको गड्डे खोद लेना है फिर नीम को सीधा गड्डे में ही लगा देना है, तथा आपको इस बात का विशेष ध्यान रखन है की एक गड्डे में आपको केवल एक ही बीज बोना है|
छोटे नीम के पौधे की देखभाल करे?
नीम के पौधे की देखभाल करना सबसे आसान है|
नीम के पौधे की देखभाल पानी देने में रखनी है|
पौधे में ज्यादा पानी न डाले, आवश्यकता अनुसार पानी डाले|
इस पौधे को महीने में एक बार गोबर का खाद देना चाहिए|
आप एक महीना में नीम के पेड़ पर स्प्रे कर सकते है|
1 लीटर पानी में आधा चम्मच NPK खाद को अच्छी तरह से घोलकर इसका स्प्रे करे|
नीम का पेड़ अच्छा हरा भरा हो, इसके लिए आपको कुछ बातो का ध्यान रखना है|
नीम के पौधे की खरपतवार नियंत्रण कैसे करे?
यदि आप नीम के पौधे लगा रहे है तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है की पेड़ के आस - पास कोई खरपतवार नही होना चाहिए| यदि पेड़ के आस पास किसी तरह का खरपतवार होता है तो इससे आपका पौधे का विकास कम होता है| नीम के पूरे विकास के लिए आपको दो साल सिंचाई तथा गोड़ाई बहुत जरूरी होती है| गोड़ाई से हवा का बहाव तथा जड़ों का अच्छा विकास होता है|
नीम के छोटे पौधे की सिंचाई कब और कैसे करना चाहिए?
नीम के पौधे की रुपया के तुरंत बाद ही आपको पौधे में सिंचाई कर देनी है, आपकी जानकारी के लिए बता दे की वर्षा के मौसम में आपको पौधे की सिंचाई करने की कोई भी जरूरत नही है| यदि किसी कारण से वर्षा नही होती है तो फिर आप पौधे में सिंचाई कर सकते है तथा गर्मी के समय आपको सप्ताह में 2 बार सिंचाई करना है| प्रथम 2 वर्षा में ग्रीष्मकालीन महीने अप्रैल, मई तथा जून में लगभग 15 दिनों के अंतर में आपको सिंचाई कर देनी है|
पौधे को पानी देते समय इस बात पर विशेष ध्यान देना है की पौधे में आपको ज्यादा पानी नही देना केवल आपको पौधे की आवश्यकता अनुसार ही पानी देना है| गर्मी में आपको 3 दिनों के अंतराल में पानी देना है, क्योंकि गर्मी के दिनों में अधिक धूप होने के कारण पौधा जल्दी सुख जाता है| ठंड के समय आपको 7 से 10 दिनों अंतराल में सिंचाई कर देना है तथा वर्षा के मौसम में अपको सिंचाई करने की आवश्यकता नही है| यदि किसी कारण से वर्ष नही आती है तो फिर आप नीम के पौधे में सिंचाई कर सकते है|
नीम के पेड़ का प्रमुख उपयोग?
नीम का पेड़ हमे गर्मी के मौसम में शीतल तथा ठंडी हवाएं प्राप्त होती है|
नीम की पत्ती को चबाने से हमारे रक्त में किसी भी तरह की समस्या नही आती है|
नीम के बीजों का चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से बवासीर जैसी समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाती है|
नीम के तेल को यदि 10 बूंद के बीच में दूध में मिलाकर पीने से यदि आपको ज्यादा पसीना आता है तो उसके लिए बहुत ही लाभदायक होता है|
नीम के पेड़ में जो शाखाएं छोटी होती है उनका दातुन बनाकर दातुन करने से हमारे दांत तथा मसूड़े दोनो मजबूत रहते है|
नीम का छाल चर्म रोग के लिए बहुत ही कामगार साबित होता है|
यदि आपकी आंख आ गई है तो आपको नीम का रस अपनी आखों में डाल लेना है|
इससे आपकी आंखे सही हो जाएगी|
इससे आप अपने कान में भी डाल सकते है, यदि आपके कान में किसी तरह की समस्या है तो|
नीम के पेड़ की प्रमुख विशेषता?
नीम की पत्तियां, फल और छाल स्वाद में काफी कड़वे होते है, परंतु इसका उपयोग कई तरह की बीमारियों में इसका उपयोग किया जाता है|
नीम एक प्रकार का औषधीय पेड़ो का पतझड़ वृक्ष है|
नीम के पेड़ से नीम का तेल का भी उत्पादन किया जाता है|
नीम का पेड़ हिंदू संस्कृति में पूजनीय योग्य माना गया है, इसलिए हर घर के आंगन में नीम का पेड़ लगाया जाता है|