जैसा का हम सभी जानते है की सागवान की लकड़ियां काफी मजबूत तथा काफी महंगी लकड़ी होती है| सागवान की लकड़ियों का उपयोग सर्वाधिक बहुमूल्य फर्नीचर से लेकर प्लाईवुड तथा रेल के डिब्बे तक सागवान की लकड़ियों का उपयोग किया जाता है| इस लकड़ी की विशेषता यह है की सागवान की लकड़ियों में दीमक नही लगता है यह इस लकड़ी की मुख्य विशेषता होती है|
हमारे भारत देश में सागवान की लकड़ियों की कमी हमेशा बनी रहती है, तथा इसका अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी इसकी मांग अधिक है जिसके कारण से सागवान की खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है| यदि आपको सागवान की खेती से संबंधित आवश्यक जानकारी नही है तो कृपया आओ हमारे साथ बने रहे| हम आपको इस लेख में सागवान के पेड़ के संबंधित जानकारी देंगे जैसे की सागवान पेड़ क्या होता है, पेड़ कैसा दिखता है? सागवान की खेती से संबंधित जानकारी ? सागवान की खेती को तैयार होने में किसना समय लगता है? सागवान की खेती में उपयुक्त जलवायु तथा मिट्टी की विशेष जानकारी क्या है? सागवान के पेड़ कैसे लगाए? भारत में सागवान की लकड़ियों का उपयोग कैसे करते है? सागवान की नर्सरी कैसे तैयार करे? सागवान की सिंचाई विधि क्या है? सागवान की खेती से लाभ क्या है?
सागवान पेड़ क्या होता है, पेड़ कैसा दिखता है?
प्रिय किसान भाईयो, आपकी जानकारी के लिए बता दे की सागवान का वैज्ञानिक नाम टैक्टोना ग्रांडिस है तथा सागवान के कई नाम है जैसे की सगुण, टिकवुड, सागौन और सग भारत में इस आदि नामो से भी जाना जाता है| यदि हम सागवान की मुख्य जानकारी पर बात करे तो, सागवान का पेड़ लगभग 40 फिट लंबा होता है और इसका तना 40 इंच मोटा होता है सागवान का पेड़ 200 वर्ष से अधिक समय तक जीवित रहता है|
सागवान की लकड़ियों में दीमक लगने का भी खतरा नही होता है तथा सागवान से प्राप्त होने वाली लकड़ियां काफी कठोर होती है तथा किट से मुक्त और हल्की तथा टिकाऊ लकड़ी होती है|
सागवान की खेती से संबंधित जानकारी ?
सागवान की खेती अधिक ठंडे क्षेत्र में की जाती है और इसके लावा आप इसकी खेती जलवायु के अनुसार भी कर सकते है| सागवान की खेती में मेहनत बहुत ही कम होती है तथा कमाई बहुत ही होती है क्योंकि इसका भाव आपको बाजारों में अधिक मिल जाएगा| यदि आप सागवान की खेती के साथ भी करना चाहे तो आप बड़ी आसानी से इसकी खेती कर सकते है| इसके लिए आपको खेती के चारो ओर 7 से 8 फिट की दूरी पर सागवान के पेड़ लगा देना है|
यदि आप इस विधि से सागवान की खेती करते है तो इससे आप डबल लाभ ले सकते है क्योंकि आप इस बार दो फसलों की खेती कर रहे है| इस प्रकार यदि आप अपने खेत के चारो ओर पौधे की गृह भी होती है तो अप एक एकड़ में कम से कम 100 से 120 सागवान के पेड़ बड़ी आसानी से तैयार कर सकते है|
सागवान की खेती को तैयार होने में किसना समय लगता है?
यदि आप सागवान की खेती करने में रुचि रखते है तो आपको इसकी खेती आवश्यक रूप से करनी चाहिए| सागवान का पेड़ को तैयार होने में लगभग 10 से 13 वर्षो का समय लगता है| इस पेड़ में 4 वर्ष बाद अच्छी बड़वार और फैलाव देखने को मिलता है| सागवान का पेड़ यदि आप एक बार काट भी दे तो आप एक बार फिर से सागवान का पेड़ फूट जाएगा तथा सागवान का पेड़ फिर से बड़ा हो जाएगा|
सागवान की खेती में उपयुक्त जलवायु तथा मिट्टी की विशेष जानकारी क्या है?
सागवान की खेती बर्फीले तथा रेगिस्तान को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में इसकी खेती बड़ी आसानी से की जा सकती है| सागवान खेती के लिए बलुई तथा दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मिट्टी मानी जाती है परंतु आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की जिस भी मिट्टी में सागवान की खेती कर रहे है या फिर करना चाहते है उस क्षेत्र की मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए और हो सके तो आपको खेती से पहले मिट्टी की जांच करवा लेना चाहिए| शुष्क क्षेत्रों में गर्मियों के दिनों में अंतरिक्त सिंचाई की आवश्यकता होती है|
सागवान के पेड़ कैसे लगाए?
सागवान की खेती करने से पहले आपको सर्वप्रथम खेत को 2 से 3 बार गहरी जुताई कर देनी है|
मिट्टी को भूरभरी बना देना है|
इसके बाद आपको मिट्टी की जांच करवा लेना ध्यान रखे आपकी मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए|
इसके बाद आपको पाने खेत में 10 से 15 फिट की दूरी पर गड्डे खोद लेना है|
गड्डे अपने आवश्यकता अनुसार खोद लेना है|
आप आसानी से 500 से 800 से अधिक सागवान के पेड़ आसानी से लगा सकते है|
इसके बाद आपको पौधे लगा देना है|
भारत में सागवान की लकड़ियों का उपयोग कैसे करते है?
हमारे भारत देश में सागवान की लकड़ियों का उपयोग कई तरीके से किया जाता है जिसकी जानकारी हमने नीचे विस्तार से दी है|
जलयान ,नाव बनाने में
फर्नीचर बनाने में
प्लाईवुड और फ्लोर बनाने में
खिड़कियां और दरवाजे बनाने में भी सागवान की लकड़ियों का उपयोग किया जाता है|
सागवान की नर्सरी कैसे तैयार करे?
सागवान की नर्सरी आपको ठंड में ही तैयार कर लेना है तथा नर्सरी फरवरी से मार्च के मध्य आपको नर्सरी तैयार कर लेना है|
नर्सरी में आपको पौधे को क्यारी में ही लगाना है|
सागवान की नर्सरी में पौधा रोपण के लिए क्यारी को 0.3 मीटर तक खोदा जाता है|
क्यारी की मिट्टी से आनावशायक प्रदार्थ को निकाल देना है|
एक क्यारी में लगभग 3 से 10 किलो बीज का उपयोग किया जाता है|
सागवान का रोपण 2m*2m, 2.5M*3m के बीच होना चाहिए|
सागवान की सिंचाई विधि क्या है?
सागवान के पौधे को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नही होती है परंतु इसके पौधे की रुपए के तुरंत बाद पहली सिंचाई कर देनी है| एक माह तक भूमि में नमी बनाए रखन के लिए हल्की सिंचाई में दो बार सिंचाई की जरूरत होती है| सागवान के पौधे की सिंचाई 12 से 15 दिनों के अंतराल में इसकी सिंचाई करनी चाहिए तथा मौसम के अनुसार ही सागवान की सिंचाई करनी चाहिए|
सागवान की खेती से लाभ क्या है?
सागवान की खेती करने वाले किसान कुछ ही सालो में लखपति बन सकते है|
किसान 10 से 12 वर्षो में लगभग 1 करोड़ रुपए की कमाई सागवान की खेती कर सकता है|
एक पेड़ को लगाने और पालन -पोषण में 40 से 50 हजार रुपए तक की लागत आती है|
एक एकड़ में 400 पौधे आसानी से लगाए जा सकते है|