हमारे भारत देश में सुपारी की खेती सर्वाधिक समुद्र तटीय क्षेत्रों में की जाती है, देश में सबसे ज्यादा सुपारी की खेती और उत्पादन कर्नाटक में होती है| सुपारी की खेती दक्षिण भारत में अधिक होती है क्योंकि दक्षिण भारत की मिट्टी और मौसम दोनो ही सुपारी के लिए उपयुक्त होते है यही कारण है की दक्षिण भारत में सुपारी की खेती और उत्पादन सर्वाधिक होती है| सुपारी की खेती में आपको सबसे मुनाफा होता है परंतु इसकी खेती को तैयार होने में थोड़ा समय लगता है, सुपारी की खेती को तैयार होने में कम-कम 8 वर्षो का समय लगता है यदि समय पर पेड़ की देखभाल की जाए|
आज का यह सुंदर लेख आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है, क्योंकि इस लेख में हम आपको सुपारी की खेती से संबंधी जानकारी देंगे| जैसे की सुपारी की खेती करे करे? सुपारी के पेड़ कैसे दिखते है? सुपारी की देख-रेख कैसे करे? सुपारी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु? सुपारी का बीज कैसे लगाए? सुपारी का पेड़ कहा मिलेगा? सुपारी का भाव क्या चल रहा है? सुपारी की अनेक किस्म ? आदि की जानकारी हम आपको इस लेख के माध्यम से विस्तार से जानकारी देंगे|
सुपारी के पेड़ कैसे दिखते है?
आपको बता दे, की सुपारी के पेड़ नारियल के पेड़ की तरह ही होते है, सुपारी के पेड़ की ऊंचाई लग-भग 50 से 70 फिट तक की इसके पेड़ की ऊंचाई होती है| सुपारी का उपयोग मुख्य रूप से पान और गुटका मसाला के रूप में इसका उपयोग किया जाता है|
यदि आपने एक बार सुपारी की खेती कर ली तो आपको सुपारी के पेड़ लंबे समय तक फल देंगे परंतु इस पेड़ को बड़ा होने में बहुत ही समय लगता है| सही समय पर और सही मात्रा में यदि आपने सुपारी के पेड़ को पानी, खाद और उर्वरक दिया है तो फिर भी इसके पेड़ को तैयार होने में 4 वर्षा का समय लगता है|
सुपारी की खेती करे?
यदि आप सुपारी की खेती गर्मी के मौसम में करते है तो, आपको मई से जुलाई माह के मध्य लगा देना चाहिए और यदि आप इसकी खेती सर्दी के मौसम या ठंड के मौसम में इसकी खेती करते है तो आपको सुपारी की बुआई सितंबर से नवंबर माह के मध्य में इसकी बुआई कर देनी है| यदि आपको भी सुपारी की खेती करने में रुचि है तो आपको नीचे दी गई बातो को फॉलो करना है, स्टेप बाय स्टेप अच्छे से समझे |
सुपारी की खेती के लिए आपको सबसे पहले खेत की अच्छे से सफाई कर देनी है|
इसके बाद एक बार अच्छे से जुताई कर लेनी है|
अब आपको एक बार खाली खेत को सिंचाई कर देनी है|
सिंचाई के एक सप्ताह बाद, जब पानी अच्छे से सुख जाए तब आपको खेत में रोटरवर के माध्यम से एक बार फिर से अच्छी जुताई कर लेनी है|
इसके बाद आपको खेत को एक बार समतल कर लेना है|
फिर आपको इस खेत में पौधे की रुपाई के लिए 90 सेंटीमीटर चौडा और 90 सेंटीमीटर गहरा के गड्डे तैयार कर लेना है|
फिर आपको इन गड्ढे में पौधे की रुपाई कर लेनी है|
ध्यान रखे पौधे और गड्डे की दूरी 2 से 3 मीटर के मध्य होनी चाहिए, इससे अधिक दूरी नही होना चाहिए|
सुपारी खेत की खरपतवार नियंत्रण और सिंचाई
सुपारी की फसल में खरपतवार नियंत्रण का विशेष ध्यान रखना होता है, इसके पौधे को साल भर में तीन बार से अधिक खरपतवार नियंत्रण की जरूरत होती है| इसके अलावा पौधे को मौसम के अनुसार विशेष सिंचाई की भी जरूरत होती है, गर्मी के मौसम में सिंचाई करना न भूले क्योंकि इस समय भारी गर्मी के कारण आपके पेड़ सुखा सकते है यदि आपने कई दिनों से पानी नही दिया है तो|
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सुपारी की देख-रेख कैसे करे?
यदि आप भी सुपारी की खेती कर रहे है तो आपको सुपारी के पौधे को सबसे पहले नर्सरी में तैयार कर लेना है|
जब पौधा पूरी तरह से तैयार हो जाए, इसके बाद ही अपको खेत में पौधे को खाद डालकर लगा देना है|
सुपारी की फसल को मौसम के अनुसार सिंचाई करना चाहिए|
यदि आप इसकी खेती ठंड के मौसम में करते हो तो फिर आपको इसकी सिंचाई प्रति माह 2 बार कर देनी है|
यदि आप इसकी खेती गर्मी के मौसम में करते है तो आपको इसकी सिंचाई हर सप्ताह करना है यानी 7 दिन के अंतराल में आपको इसकी सिंचाई कर देनी है|
आपको अन्य पक्षियों का भी ध्यान रखना चाहिए जो आपके सुपारी के पेड़ को नुकसान पहुंचाए|
सुपारी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु?
प्रिय, किसान भाईयों आपकी जानकारी के लिए बता दे की सुपारी की खेती सबसे ज्यादा समुद्र तटीय क्षेत्र में की जाती है| इसकी खेती के सभी मिट्टी में की जा सकती है परंतु दोमट चिकनी मिट्टी इसके लिए बहुत उपयुक्त होती है| सुपारी की खेती के लिए आपके क्षेत्र का तापमान लग-भग 30 डिग्री तक होना चाहिए|
ध्यान रखी सुपारी की उत्पादन उन क्षेत्र में अच्छी होती है जो की सुपारी के लिए अच्छा होता है| सुपारी की खेती सर्वाधिक दक्षिण भारत में अधिक होती है तथा इसकी खेती भारत में सर्वाधिक केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और आसाम राज्यो में सुपारी की खेती अधिक होती है|
सुपारी की अनेक किस्म ?
देश में सुपारी दो अलग-अलग वेराइटी होती है, पहली सफेद सुपारी और दूसरी लाल सुपारी होती है परंतु भारतीय बाजारों में सुपारी की कई किस्म उपलब्ध है जैसे की मंगला, सुमंगला, श्री मंगला, मोहित नगर और हीरेहल्ली बौना आदि किस्म उपलब्ध है|
सुपारी के किस्म का चयन आपको अच्छे से करना चाहिए, क्योंकि इसका प्रभाव सीधा आपकी उत्पादन पर पड़ता है| आपको हमेशा, आपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही सुपारी की किस्म को चयन करना है|
सुपारी का पेड़ कहा मिलेगा?
सुपारी के पेड़ आपको सबसे ज्यादा दक्षिण भारत में दिखाई देंगे, क्योंकि इसकी खेती सर्वाधिक दक्षिण भारत में ही होती है| भारत में इसके पेड़ सबसे ज्यादा कर्नाटक, केरल, असम, पश्चिम बंगाल आदि राज्यो में इसकी खेती होती है| सुपारी को कभी भी सीधे खेत में नही लगाना चाहिए पहले आपको सुपारी के पेड़ को अच्छे से नर्सरी में तैयार कर लेना है जब यह पौधा पूरी तरह से तैयार हो जाए तब फिर आपको इस पेड़ को खेत में लगा देना है|
यदि आप इसकी बुआई डायरेक्ट खेत में करते है तो पेड़ को विकसित होने में काफी समय लगेगा और साथ ही पेड़ को आवश्यक पोषण तत्व भी नही मिल पाएंगे| इससे पेड़ को फल देने में अधिक समय लगेगा और इसका प्रभाव आपको पैदावार पर भी दिखाई देगी|
सुपारी का भाव क्या चल रहा है?
सुपारी का रेट काफी तेज चल रहा है, क्योंकि इसकी डिमांड बजार में अधिक है यही कारण है इसका भाव तेज है| यदि हम इसके भाव की बात करे तो इसका भाव 400 रुपए से 650 रुपए प्रति किलो है| सुपारी की खेती से भी आप खासा लाभ कमा सकते है| इसका भाव में पूरे साल उछाल दिखाई देती है, क्योंकि इसकी मांग अंतराष्ट्रीय स्तर पर होती है| आपको सुअपरी की खेती एक बार आवश्य ही करना चाहिए|
सुपारी में कई औषधीय गुण होते है, जो की बीमारियों की रोकथाम और इलाज में मददगार सिद्ध होते है| सुपारी की मांग अधिक होने के कारण और अपने गुण के कारण किसानों के लिए काफी फायदेमंद होती है यही कारण है की इसका भाव काफी तेज है|