मैथी की खेती सभी तरह की मिट्टियों में की जा सकती है परंतु इसके लिए आपके खेत की मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए| मैथी एक पत्तेदार वाली फसल होती है इसका उपयोग दावाओ को बनाने में किया जाता है, मैथी हमारे पेट के लिए काफी अच्छी मानी जाती है|
इस सुंदर लेख के माध्यम से आप जानेंगे की मैथी की खेती करने का सही और आसान तरीका क्या है? मैथी की खेती वैज्ञानिक तरीके से कैसे करे? मैथी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी ? खेती के लिए भूमि की तैयारी कैसे करे? मैथी की सिंचाई कैसे करे ? मैथी के बीज का चयन कैसे करे? बुआई का सही समय क्या है? मैथी की प्रमुख किस्म? आदि विषयों से संबंधी चर्चा आज हम इस लेख के माध्यम से करने वाले है|
मैथी की खेती करने का सही और आसान तरीका क्या है?
मैथी की खेती करने का सही और आसान तरीका यह है, अच्छा लाभ प्राप्त हेतु आपको अच्छे किस्म के बीजों का चयन करना होगा आपको अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही बीजों का चयन करना है| इसके बाद आपको इसकी खेती में खाद, सिंचाई और खरपतवार का अधिक ध्यान रखना होगा|
मैथी की कटाई आपको बुआई के एक से डेढ़ महीने में मिल जाएगी प्रत्यक कटाई के बाद आपको तुरंत ही मैथी को पानी देना है इससे पौधे जल्दी से बड़े हो जाएंगे|
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खेती के लिए भूमि की तैयारी कैसे करे?
मैथी की फसल के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है तथा मैथी शरद ऋतु की फसल है इसका उत्पादन रबी की फसल में किया जाता है| मैथी की खेती के लिए आपके खेत की मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए| मैथी के लिए दोमट तथा बलुई दोमट सबसे अच्छी मिट्टी होती है|
खेत में कौनसी खाद डालना चाहिए?
यदि आप आपने खेत में ऑर्गेनिक खाद का उपयोग करते है तो इसका प्रभाव आपको पैदावार में दिखाई देगा| आपको बुआई के एक सप्ताह पहले सड़ी गोबर खाद डाल देना है और फिर एक, दो बार अच्छे से जुताई कर ले इससे खाद और मिट्टी अच्छे से मिल जाएगी|
यदि आप ऑर्गेनिक खाद जैसे गोबर का खाद उपयोग नही कर सकते है तो आपको डीएपी, यूरिया खाद का उपयोग भी कर सकते है| आपको 2 किलो डीएपी खाद डाल देना है और 1 किलो यूरिया खाद प्रति बिस्से के हिसाब से आपको अपने खेत में डाल देना चाहिए|
मैथी के बीज का चयन कैसे करे?
यदि आप इस सीजन मैथी की फसल करने की सोच रहे है तो आपको मैथी के बीजों का चयन आपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार कर लेना है|
मैथी के पौधे 1 फूट से छोटा होता है और इसकी पंक्तियां साग बनाने में काम आती है तथा इसके दाने मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है| मैथी के दाने में सोडियम, जिंक, फास्फोरस, फॉरिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मिनरल्स आदि आवश्यक पोषण तत्व पाए जाते है|
बीज का उपचार कैसे करे?
बिजाई से पहले आपको बीज को 10 घंटे के लिए पानी में रखना है बीजों को मिट्टी से पैदा होने वाले किट और बीमारियों से बचाने के लिए थिरम4 ग्राम और कार्बेंडाजिम 50 % डब्लू पी 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज उपचार करे|
मैथी की प्रमुख किस्म?
कश्मीरी मैथी : इस किस्म की मैथी में सफेद फुल होते है इसकी ओसत उपज 16 कुंटल प्रति हेक्टर होती है और इसकी फलियां 8 सेंटीमीटर लंबी होती है|
हिसार सुवरणा : इस किस्म की खेती हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के लिए यह काफी उपयुक्त किस्म है|
यूएम 112 : इस किस्म की मैथी सीधी बढ़ती है इसकी भाजी और बीज दोनो के लिहाज से यह किस्म अच्छी होती है|
पूसा अर्ली बंचिंग : इस किस्म की मैथी जल्दी पक जाती है इस किस्म को आईसीएआर द्वारा विकसित किया गया है| इस किस्म में 3 बार कटाई की जा सकती है और इसकी फलियां 8 सेंटीमीटर लंबी होती है| इस किस्म को तैयार होने में 4 महीना का समय लगता है|
लाम सिलेक्शन : इस किस्म के पौधे झाड़ी दार पौधा होता है और इसकी अनेक शाखाएं होती है|
कसूरी मैथी : इस किस्म को तैयार होने में 5 महीने का समय लगता है और इसकी ओसत पैदावार 65 कुंटल प्रति हेक्टर होती है तथा इसकी 3 बार से ज्यादा कटाई की जा सकती है|
बुआई का सही समय क्या है?
मैदानी इलाको में इसकी बुआई सितंबर से मार्च माह तक की जाती है और पहाड़ी इलाको में इसकी बुआई जुलाई से लेकर अगस्त तक बोया जाता है 8 दिन के अंदर आपको ताजी भाजी मिल सकती है| इसकी बुआई अधिकतर छिड़काव विधि से की जाती है और इसकी बुआई के समय खेत में नमी होना चाहिए|
मैथी की सिंचाई कैसे करे ?
मैथी की अधिक पैदावार के लिए बिजाई के 30, 75, 85, 105 दिनों के बाद 3 से 4 बार सिंचाई कर लेनी है| इसकी कटाई निचले पत्तो के पीले होने और फलियां के पीले रंग के होने पर करे| फसल की कटाई के बाद आपको एक सप्ताह धूप में रखकर सुखा लेना है| अच्छी तरह से सूखने पर इसकी छटाई करे फिर सफाई करके ग्रेडिंग करे|
मैथी की सिंचाई आपको एक सप्ताह के अंतराल पर कर लेना है बुआई के समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 22 सेंटीमीटर की दूरी होना चाहिए और 4 सेंटीमीटर की गहराई में बीज की बुआई कर लेनी है और आपको ये आवश्य ध्यान देना होगा की आपको कम से कम एक एकड़ में आपको 12 किलो मैथी का बीज का उपयोग कर देना है|
किन किन राज्यो में मैथी की सर्वाधिक होती है?
मैथी की खेती सर्वाधिक पंजाब, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है राजस्थान राज्य में 80 % मैथी का उत्पादन होता है| मैथी की फसल रबी फसल में की जाती है परंतु दक्षिण भारत में इसकी खेती बारिश / वर्षा के मौसम में की जाती है|
मैथी खाने के प्रमुख फायदे / लाभ
मैथी के दाने / बीज खाने से मानसिक सक्रिय बढ़ती है|
मैथी खाने से डायबिटीज बीमारी दूर हो जाती है|
मैथी रक्त में शकर को कम करती है|
मैथी का सेवन करने से पाचन क्रिया अत्यंत साल हो जाती है|
मैथी खाने से कई बीमारियों से बच सकते है जैसे की हाई बीपी, डायबिटीज, अपच आदि बीमारियों में मेथी के बीज का उपयोग किया जाता है|
मैथी हमारे पेट के लिए अच्छी होती है|
मैथी की सब्जी में अदरक, गर्म मसाला रखकर खाआने से निम्न रक्त चाप, कब्ज में फायदा होता है|