हमारे भारत देश में पलाक की खेती गर्मी और सर्दी दोनो ऋतु में की जाती है पालक एक पत्तेदार सब्जी है जो भारतीय सब्जियों में एक अपना विशेष स्थान रखनी है| पालक में कई पोषण तत्व होते है इसमें Vitamin A, Vitamin K, कैल्शियम और आयरन आदि आवश्यक पोषण तत्व पाए जाते है|
इस सुंदर लेख में आपको पालक की खेती की जानकारी विस्तार से मिलेगी, पालक की खेती कैसे करे? पालक की बुआई का सही समय क्या है? पालक की खेती से कितना कमा सकते है? पालक के फसल की कटाई कब करनी चाहिए? पालक की प्रमुख उन्नत किस्म कौन कौन सी है? पालक के बीज की बुआई कैसे करे? पालक की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी और क्षेत्र की जलवायु कैसी होनी चाहिए? आदि विषयों की चर्चा हम विस्तार से करने वाले है|
पालक की खेती कैसे करे?
पालक की खेती सभी प्रकार के किसान कर सकते है इस खेती में कम लागत में और कम समय में अच्छा खासा मनुफा कमा सकते है| पालक की फसल एक ऐसी फसल है जो की भूमि के ऊपरी परत पर फलने फूलने वाली खेती है, पालक के पौधे की जड़ भी कम गहरी होती है| पालक की बुआई से पहले आपको 2 से 3 बार अच्छे से गहरी जुताई कर लेनी है फिर आपको गोबर का खाद डाल देना है और एक बार फिर से आपको गहरी जुताई कर लेनी है इससे गोबर की खाद मिट्टी में मिल जाएगी|
यदि आप पालक की खेती करना चाहते है तो आपको बुआई से पहले आपको अपने खेती की मिट्टी की जांच करवा लेना है और फिर आपको बीज का चयन अच्छे से कर लेना है आपको अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही बीजों का चयन करना है|
पालक की बुआई का सही समय क्या है?
कई क्षेत्रों में पालक की खेती होती है इसकी रुपाई के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर और नवंबर के माह में उपयुक्त माना जाता है| उचित वातावरण में पालक की बुआई पूरे वर्ष भी की जा सकती है यह आपके क्षेत्र के जलवायु के ऊपर निर्भर करता है|
यदि आप आपने खाते में पालक के पौधे गहरे देखना चाहते है तो इसके लिए आपको पर्याप्त मात्रा में बीज की आवश्यकता होगी| बुआई से पहले आपको बीजे उपचार आवश्यक लेना है| पालक की पंक्ति में बुआई करने के लिए पंक्ति व पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर से 25 सेंटीमीटर तक की होनी चाहिए और बीज को 2 या 3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए आपको इससे अधिक गहराई नही करनी है अधिक से कुछ पौधे अंदर ही सड़ जाते है वह बहार नही निकल पाते है|
पालक की खेती से कितना कमा सकते है?
यदि आप पालक की खेती अच्छे से करते है तो आप इस फसल में 2 लाख से 3 लाख रुपए हर सीजन में आसानी से कमा सकते हो| इसके लिए आपको खाद, खरपतवार और सिंचाई पर अधिक ध्यान देना पड़ेगा|
पालक के फसल की कटाई कब करनी चाहिए?
पालक की कटाई 8 से 9 बार की जा सकती है यदि आप इसको समय समय पर पानी देते है तो इसकी कटाई 10 भी आ सकती है| बुआई 1 माह के बाद आप पलक की प्रथम कटाई कर सकते है कटाई के बाद आप यदि इसकी सिंचाई कर देते है तो 10 से 15 दिनों के बाद आप दूसरी कटाई भी शुरू कर सकते है| 15 दिनों के अंतराल में आप अपने पालक की कटाई कर सकते है|
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पालक की प्रमुख उन्नत किस्म कौन कौन सी है?
अर्का अनुपमा : इस किस्म के पौधे की पत्तियां देखने में गहरी हरे रंग की होती है और इसका आकार में बड़ी के चौड़ी जोती है|
ऑल ग्रीन : इस किस्म को तैयार होने में 40 दिनों का समय लगता है और इसकी पत्ती हरे रंग की होती है यह किस्म सर्दी के मौसम में उगाई जाती है|
जोबनेर ग्रीन : इस पौधे की पत्तियां लंबी और चौड़ी अधिक होती है और इसका रंग गहरा हरा होता है| इसको तैयार होने में 45 दिनों का समय लगता है|
पंजाब ग्रीन : इस किस्म की पालक के पौधे गहरे चमकीले होते है इस किस्म की बिजाई के 30 दिनों के बाद यह कटाई के लिए तैयार हो जाती है|
पंजाब सिलेक्शन : इस किस्म की पालक के पौधे स्वाद में खट्टे होते है और इसका तना जामुनी रंग का होता है तथा इसकी पैदावार 115 कुंटल प्रति एकड़ होता है|
पालक के बीज की बुआई कैसे करे?
पालक की बाई करने से पहले आपको पालक के बीजों को 10 घंटे तक पानी में भिगोकर रखना होगा|
बुआई ले 2 घंटे पहले बीज को अपचारित कर ही बुआई करे|
पालक की खेती के लिए आपको खेत अच्छे से तैयार कर लेना है|
बीजों को एक समान बोना है|
किसी भी प्रकार के कृषि यंत्र से एक से डेढ़ इच्छा गहराई तक बीजों को मिट्टी में मिला देना चाहिए|
पालक की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी और क्षेत्र की जलवायु कैसी होनी चाहिए?
पालक की फसल दोमट मिट्टी में सर्वाधिक मानी जाती है अत्यधिक जल भराव और बिना सूची वाली बलुई मिट्टी में इसकी खेती असंभव है| गर्मी और ठंडी जलवायु में अनुरूप है पालकी की खेती के लिए मौसम हल्का या ठंडा ही उत्तम माना जाता है|
कौन सा खाद पालक की खेती में बेस्ट है?
पालक की खेती में आप ऑर्गेनिक खाद का उपयोग करे जैसे की गोबर की खाद यदि आपके पास ऑर्गेनिक खाद उपलब्ध न हो आप डीएपी या सिंगल सुपर फास्फोरस खाद का भी उपयोग कर सकते है|
पालक की खेती करने की सरल विधि
हमारे भारत देश के किसान भाई अपने क्षेत्र में अलग अलग तरीको से पालक की खेती करते है|
कतार से कतार विधि : पालक की बुआई सीडर कृषि यंत्र से बिजाई करनी चाहिए| जैसे आप गेहूं की बिजाई करते है ठीक ऐसे ही आपको पालक की खेती में करना है|
छिड़काव विधि : आपको हमेशा खेत को समतल करके बीज का छिड़काव कर उस पर हल्का 2 इंच गहरा रोटावेटर से भी बुआई कर सकते है|
क्वारी विधि : पालक की बिजाई किसान खेत में नमीयुक्त क्वारी विधि से भी करते है खेत को तैयार करकर प्रत्येक क्यारियो में बीजों को डाल कर मिट्टी में मिलाना होता है|