भारत देश में 80% जीरा गुजरात और राजस्थान राज्य में उगाया जाता है, जीरा एक मसाला फसल है| जीरा दिखने में बिलकुल ही सोफ के जैसा होता है| इसका उपयोग तरह - तरह के व्यंजन में खुशबू और स्वाद उत्पन्न करने के लिए किया जाता है और पेट संबंधित बीमारियों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है|
इस सुंदर लेख में हम आपको जीरे की खेती से संबंधी जानकारी देंगे जैसे की जीरे की खेती क्या है? जीरे की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी ? जीरे की खेती कितने दिनों में तैयार होती है? जीरे की खेती के लिए सही समय क्या है? जीरे की खेती की सिंचाई कब करे और सिंचाई कैसे करे? जीरे की खेती में देखभाल कैसे करे? जीरे की खेती की पैदावार प्रति एकड़ क्या है? जीरे की खेती करने के लिए खेत कैसे तैयार करे? जीरे की उन्नत किस्म ? जीरे की खेती के लिए बीजों का चयन कैसे करे? आदि से संबंधी जानकारी आज के इस लेख में विस्तार से चर्चा करने वाले है|
जीरे की खेती क्या है?
मसलों की फसल में जीरे की मांग अधिक है जीरा का उपयोग सब्जी का स्वाद बड़ाने में किया जाता है| जीरे में आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, कॉपर, जिंक, मैकजिन, मिनरल्स आदि आवश्यक पोषण तत्व पाए जाते है इसी कारण से इसका उपयोग औषधीय के रूप में भी किया जाता है| यदि खाली पेट जीरा का सेवन करे तो इससे पेट की समस्या खत्म हो जाती है|
जीरे की खेती करने के लिए खेत कैसे तैयार करे?
यदि आप जीरे की खेती अच्छे से करना चाहते है तो आपको सबसे पहले अच्छे से खेत को खेती के लिए तैयार कर लेना है इसके लिए आपको नीचे दी गई टिप्स को फॉलो करना है|
जीरे की खेती के लिए आपको सबसे पहले पुरानी फसल की कटाई अच्छे से कर लेनी है|
बचा हुआ भूसा आपको एक तरफ खाली जगह पर एकत्र कर देना है ध्यान दे आपको इसको जलाना नही है|
जो की आपके पशु का खाना होगा|
इसके बाद आपको आपके खेत की मिट्टी की जांच करवा लेनी है|
ध्यान रखे मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए|
फिर आपको खेत में गोबर की खाद का उपयोग ऑर्गेनिक खाद के रूप में करना है|
इसके बाद आपको 3 बार खेती की गहरी जुताई कर लेनी है|
इससे आपके खेत की मिट्टी अच्छे से मिट्टी में मिक्स हो जाएगी|
फिर आपको जीरे की बुआई कर देनी है ध्यान दे आपको बीज का चयन आपके क्षेत्र की जलवायु के अनुसार करना है|
बुआई के समय आपके खेत में नमी होना चाहिए, यदि नमी न हो तो पहले आपको एक बार अच्छे से सिंचाई कर लेनी है|
जीरे की खेती के लिए सही समय क्या है?
जीरे की खेती यदि आप सही समय पर करते है तो इसका प्रभाव आपकी फसल उत्पादन पर होगा| फसल का उचित तापमान होने पर ही बौनी करना चाहिए| जीरे की खेती की बुआई के लिए उपयुक्त तापमान 24 से 29 डिग्री सेंटीग्रेट माना जाता है|
जीरे की बुआई का सही समय नवंबर माह का होता है यानी आपको नवंबर के माह में ही जीरे की बुआई कर देनी है| परंतु आपको जीरे की बुआई से पहले आपको एक बार बीजों को बीजोपचार कर लेना चाहिए| फिर अपको इसकी बुआई करनी चाहिए| बुआई के समय आपको ध्यान देना है की बीजों 25 सेंटीमीटर की दूरी पर बनाई कतारों में हो और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर तक की होना चाहिए|
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जीरे की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी ?
जीरे की खेती के लिए जीवाश्म युक्त चिकनी तथा ब्लूई दोमट मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है इसी के साथ मिट्टी में पानी के निकास की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए| मिट्टी में अधिक नमी ज्यादा समय तक नही होना चाहिए इस के कारण रोग और किट की पनपने की संभावना बढ़ती है इस फसल में पाला सहन कने की क्षमता कम होती है|
जीरे की खेती के लिए उपयुक्त उष्णकटिबंधी जलवायु होना चाहिए और आपके क्षेत्र का तापमान 24 से 29 डिग्री तक का होना चाहिए|
जीरे की खेती कितने दिनों में तैयार होती है?
जीरे के बीज के उगाव के लिए कई कारक निर्भर करते है जैसी की बिजाई की गहराई, मिट्टी में नमी की मात्रा, बीज किस्म का प्रकार और बुआई की विधि आदि पर इसकी खेती का समय निर्भर होता है|
जीरे की खेती की सिंचाई कब करे और सिंचाई कैसे करे?
यदि आप जीरे की बुआई छिड़काव विधि से करते है तो फिर आपको पहली सिंचाई बुआई के तुरंत बाद कर देनी है और दूसरी सिंचाई आपको 1 से 2 सप्ताह के अंतराल में कर देनी है| अपको ध्यान रखना होगा की पौधे के अंकुरण के समय आपको सिंचाई नही करनी है| इसके बाद आपको तीसरी सिंचाई फसल एक महीने के बाद करना है| जब आपकी फसल में दाना बनना तैयार हो जाए| अंत में आपको जब फसल पकने लगे तो एक बार फिर अंतिम बुआई कर देनी है|
जीरे की खेती में देखभाल कैसे करे?
जीरे की खेती में आपको बीज की चयन अच्छे से करनी है आपको अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही बीजों का चयन करना है|
जीरे की खेती में आपको खाद, सिंचाई, खरपतवार और रोगधाम का अधिक ध्यान रखना है|
खेत में घास या फिर अन्य झाड़ियां नही होना चाहिए इसके लिए आपको 2 बार प्रति माह निंदाई - खुदाई अच्छे से कर लेनी है|
आपके खेत में ऑर्गेनिक खाद की मात्रा भरपूर हो इसका विशेष ध्यान रखे|
आपको अपनी फसल को आवारा पशु से बचाना होगा क्योंकि आवारा पशु फसल खाते कम है ओर फसल को नष्ट अधिक मात्रा में करते है|
इसके लिए आपको अपने खेत के आस-पास वायरिंग कर देनी है जिससे की आपके खेत में पशु न घुस पाए|
जीरे की उन्नत किस्म ?
भारतीय बाजार में जीरे की कई उन्नत किस्म उपलब्ध है किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के अनुसार किस्म का चयन करना है| जिससे की आपको अच्छी पैदावार मिले जीरे की कई उन्नत किस्म है जैसे की आर जेड 19, सी जेड सीड 94, आर एस 223, सी सी 4 और आर जेड 209 आदि किस्म भारतीय बाजार में उपलब्ध है|
जीरे की खेती के लिए बीजों का चयन कैसे करे?
जैसे की हमने आपको पूर्व में जानकारी दी है की भारतीय बाजार में जीरे की कई किस्म उपलब्ध है आपको अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही बीजों का चयन करना चाहिए| इससे फसल में रोग बहुत कम लगता है और पैदावार भी अधिक मिलती है| यदि आप जीरे की खेती अच्छे से करना चाहते है और दुगना लाभ कमाना चाहते है तो आपको इसकी सिंचाई में कंजूसी नही करना चाहिए कम से कम आपको आवश्कता अनुसार इसकी सिंचाई करनी है|