वर्तमान समय में भारतीय बाजार में फलों की बहुत मांग है, बाजार में फलों के भाव भी अधिक क्योंकि फलों की उत्पादन भारत में कम हो रही है| यदि किसी फसल का उत्पादन कम होता है तो उस फसल का भाव भी अधिक होता है|
यदि आप फलों की खेती अच्छे से करते है तो आपको फल की फसल में अच्छा खासा मुनाफा हो सकता है| अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की आखिर अच्छे मुनाफे के लिए कौनसे फलों की खेती करना चाहिए|
यदि आप एक किसान है और आप भी फलों की खेती करना चाहते हैं तो आप बिलकुल सही जगह आए हो, आपको इस लेख में फलों की खेती से संबंधी कुछ विशेष जानकारी मिलेगी| कृपया आप यह लेख अंत तक पूरा पढ़े, इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको कोई ओर आर्टिकल पढ़ने की जरूरत नही रहेगी|
फलों की खेती करने के लिए भूमि का चयन कुछ इस तरह करे
फल का पौधा लगाने से पहले आपको अपने खेत की मिट्टी का जांच करवा लेना चाहिए क्योंकि इससे आपको यह पता चल जाएगा की आपका खेत फलों की खेती करने लायक है या नही आपके खेत की मिट्टी का पीएच 5 से 7 पीएच होना चाहिए|
फलों की खेती करने के लिए आपके खेत की मिट्टी गहरी, दामट या दोमट मिट्टी होनी चाहिए और आपके खेत में अधिक मात्रा में खाद होना चाहिए| याद रखे जितना ज्यादा आपके खेत में खाद होगा उतनी अच्छी आपकी फसल होगी|
पौधे का चयन कुछ इस प्रकार करे?
पौधे का चयन आपको हमेशा आपने क्षेत्र के वातावरण के हिसाब से करना चाहिए| क्योंकि फलों की खेती में आपके क्षेत्र का वातावरण अच्छा होना चाहिए|
अपने क्षेत्र के मौसम के हिसाब से आप अनार, लसोड़ा, बेर, बेल, संतरा, माल्टा, मौसंबी, नींबू, आंवला आदि की खेती आप आसानी से कर सकते है|
फलों की खेती करने के लिए सिंचाई क्रम
यदि आपके क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की कमी है तो आप सिंचाई के लिए नालिया पौधे की कतारों के बीच से निकाल कर दोनो ओर पौधे की जरूरत के हिसाब से पानी दिया जाना चाहिए|
पौधे की कतारों के सीधे सिंचाई करने से पौधे में रोग फैलने लगता है और नाली का पौधा कमजोर हो जाता है| ऐसे क्षेत्रों में आप आंवला, बेर, खजूर, कैर, लसोड़ा आदि फलों की खेती आप ऐसे क्षेत्रों में कर सकते है|
पौधे की रोपाई करने का तरीका
सर्वप्रथम आपको एक अच्छी सी नर्सरी से पौधे खरीद लेना है और फिर आप इसको अपने खेत में रोप कर दे| पौधे की रुपाई हमेशा श्याम के समय ही करना चाहिए, यदि आप पौधे का रोपण दिन में करते है तो आपका पौधा धूप के कारण खराब भी हो सकता है|
पौधे की रिपाई करने के बाद आपको जरूरत के हिसाब से सिंचाई कर लेना है| फलों की खेती में आपको खाद और सिंचाई का ज्यादा ध्यान रखना होगा|
फलों को पकाने के लिए नई सुरक्षा विधि
फल तोड़ने के कुछ समय बाद तक ही वह ताजा रह पाते है, इसके बाद वे धीरे धीरे खराब होने लगते है| यदि आप इसे सुरीक्षित नही रखा जाए तो आपको इससे कई नुकसान होता है|
फलों के कच्चे होने पर आप एथिलिन गैस को छोड़ सकते है, एथिलिन गैस के कारण फल धीरे धीरे पकने लग जाते है| इसी के साथ फलों का रंग भी बदलता है|
फलों की खेती में खपटवार
पौधे के थालो में आपको समय समय पर खरपतवार निकाल कर निराई - गुड़ाई करते रखना चाहिए| इससे आपके पौधे के थाले साफ रहेगी|
आपको यह बात ध्यान रखना है की बारिश के समय आपके फसल के खेत में कही पर पानी नही भराना चाहिए और समय पर आपको निराई गुड़ाई करनी चाहिए|
फलों की खेती में आवश्यक तापमान और मौसम
फलों के लिए ज्यादा बारिश की आवश्यकता नही होती है, यदि आपके खेत की मिट्टी के गुणवत्ता अच्छी रहे तो| फल की खेती करना आसान है इस खेती को करने से आपको ज्यादा धूप की आवश्यकता नही है|
ध्यान रखे आपके क्षेत्र के हिसाब से ही आप फलों का चयन करे| यदि आप मौसम के हिसाब से खेती करते है तो आपको खेती में अधिक लाभ मिलता है|
सरकार भी दे रही है सब्सिडी
रायपिनिग तकनीकी का इस्तमाल करने पर सरकार से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा सकता है| इसके तहत कोल्ड स्टोर बनाने के लिए सरकार की ओर से सहयता राशि दी जाति है|
ताकि आप सरकार से कोल्ड स्टोर निमार्ण के लिए किसानों को करीब 35% तक की सब्सिडी भी दी जाती है|
फल को पकने का सबसे आसान तरीका यह है
फलों को दबाकर रखन से आपके फल जल्दी पक जाता है और ये कम खर्चीला तरीका भी होता है| इससे फल को पकने में समय अधिक लगता है|
फल को पकने के लिए इसे बोर और भूसे के बीच में दबाकर रखन से भी फल अच्छे से पक जाता है| इससे आप समय से पहले भी फल को पका सकते है| फलों को कागज में लपेटकर रकने से भी फल अच्छे से पक जाता है|