आज का यह लेख आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि आज आप जानेंग की अपको चने की खेती कैसे करनी है| दोस्तो यदि आप एक किसान है तो आप फिर बिलकुल ही सही जगह आए हो, क्योंकि आज हम आपको कुछ नही टिप्स बताने जा रहे इसमें आपको कुछ ऐसी जानकारी मिलेगी जो आपको शायद पहले नही पता थी|
इस सुंदर लेख में आप जानेंग की आपको चने की खेती कैसे करनी है? चने की खेती करने का सही समय क्या है? चने में ज्यादा बीमारियां क्यों लगती है? चने के कितने प्रकार होते है? चने का उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए? चने की फसल मे कौन से खाद का प्रयोग करना चाहिए? इस सभी विषय पर आज हम विस्तार से चर्चा करने वाले है|
चने की खेती की जानकारी
चना एक रबी क्रॉप्स / दलहन फसल है, इसकी खेती संपूर्ण भारत देश में की जाती है| चने की खेती करना बहुत ही आसान है, इसकी खेती किसी भी उपजाव जमीन पर हो सकती है|
अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए आपको एक अच्छे बीज का चयन करना होता है और फिर इसके बाद अपको अपनी जमीन या खेत को फसल के लिए तैयार करना होता है|
यदि आपकी पिछली फसल बिगड़ गई हो तो फिर आपको अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा ले, मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के मध्य होना चाहिए| इस जांच से आपको मालूम हो जाएगा की आपके खेत की मिट्टी चने की खेती करने लायक है या नही|
इस वर्ष यदि आप चने की खेती करने का सोच रहे तो आपको इस लेख में दी गई जानकारी के अनुसार खेती करना है| इससे आपको अच्छी फसल उत्पादन होगी|
चने की बुआई कब करे?
चने की बुआई ठीक वर्ष के बाद होती है, आपको चने की बुआई का काम अक्टूबर या नवंबर में शुरू कर देना चाहिए| बुआई के ठीक 8 से 10 बाद आपको अपने खेत की नमी के अनुसार आपको इसमें सिंचाई करनी है|
यदि आपके खेत में नमी अभी तक है तो अपको कुछ ओर दिन बाद सिंचाई कर देनी है, फिर कुछ समय बाद ठंड का मौसम आ जाएगा इसमें आपकी चने की फसल ग्रोथ करेगी|
सर्दी के मौसम में गिरना वाला पानी आपकी फसल के लिए लाभ धायक होगा, परंतु इस मौसम में गिरने वाला पाला आपकी फसल के लिए अच्छा नही है|
अधिक गर्मी के कारण चने के पौधे पर कई तरह के रोग देखने को मिलते है| यदि तापमान सामान्य हो तो चने की खेती अच्छी हो सकती है| यदि तापमान 20 डिग्री तक भी रहा तो संभावना है की खेती पैदावार में अच्छी होगी और यदि तापमान अधिक रहा हो तो इससे पौधे मर जाएंगे|
चने की फसल के लिए तापमान न्यूनतम 10 डिग्री तक होना चाहिए और अधिकतम 30 डिग्री तक होना चाहिए, इससे कम या ज्यादा तापमान होने पर फसल को नुकसान हो सकता है|
चने की बुआई करने का आसान तरीका
यदि आप चने की खेती करे तो आपको कुछ इस प्रकार से खेत में बीज डालना चाहिए, एक एकड़ के खेत में आपको 80 किलो से 100 किलो या 1 कुंटल चने की बुआई करनी है, यह आंकड़ा एक दम सही है|
आपकी जितना बड़ा खेत है उस हिसाब से आप इसको कैलकुलेट कर लीजिए की आपको बुआई के लिए कितना बीज की आवश्यकता पड़ेगी|
प्रत्येक पंक्तियों के मध्य कम से कम 1.5 फिट की दूरी होनी चाहिए और पंक्तियो में बीजों को 20 से 25 सेंटी मीटर की दूरी पर 5 से 8 सेंटीमीटर की गहराई में लगाना चाहिए| इससे आपकी फसल का ग्रोथ जल्दी होगा|
चने के खेत को कैसे रखे साफ?
चने की खेत आपको बिलकुल ही साफ रखनी होगी क्योंकि चने का पौधा मिट्टी से जुड़ा होता है मिट्टी से ही पोषण तत्व को लेता है|
इसीलिए आपको अपना खेत साफ रखना होगा, यदि आपके खेत में घास या अन्य झाड़ियां है तो उसे तुरंत ही अपने खेत से हटा दे|
आपको अपने खेत की सफाई प्रति माह करनी चाहिए,इससे आपका खेत बिकुल ही साफ रहेगा|
चैन के मुख्य प्रकार
देशी चने : इस प्रजाति के चने आकार में बहुत ही छोटे होते है, इसको दाल और बेसन में प्रयोग किया जाता है| यह भारत देश की सबसे ज्यादा उगाई गई फसल है|
जे.जी.11 : इस प्रजाति के चने हल्के से पीले दिखाई देते है, इस तरह की फसल को पकने के लिए 110 दिनों का समय लगता है और 18 कुंटल प्रति हेक्टर के हिसाब से इसकी बैठक होती है|
इंदिरा चना : इस चने को पकने में अधिकतम 120 दिनों का समय लगता है, इसकी बैठक 20 कुंटल प्रति हेक्टर के हिसाब से होती है|
हिम चना : इस चने के पौधे आकार में लंबे होते है, इसकी बैठक 17 कुंटल प्रति हेक्टर है|
वैभव चना : इस चने का आकार सामान्य होता है, यह 15 कुंटल प्रति हेक्टर हो सकते है, इसका रंग कथाई होता है|
कबूली चना : इस चने को अधिकतर दाल के लिए प्रयोग किया जाता है, इसकी बैठक लगभग 20 कुंटल प्रति हेक्टर हो सकती है, इसको पकने में 90 से 100 दिन लगते है|
मेक्सिकन बोल्ड : यह कम समय में पैदावार देने के लिए लगाया जाता है, ताकि कम समय में ही फैसला हो जाए, इसका बैठक 25 कुंटक प्रति हेक्टर तक रहा है|
जे. जी. के - 2 : इस चने का रंग हल्का सा पीला और सफेद होता है, इसको पकने में भी 90 से 100 दिनों तक का समय लगता है|