आज हम इस लेख के मध्यम से आपको प्याज की खेती करने का नया तरीका बताने जा रहे है, यदि आप हमारी बताई गई टिप्स को फॉलो करते है तो आपको इस बार दुगना लाभ होगा|
भारत देश में प्याज का उत्पादन सर्वाधिक महाराष्ट्र में होता है, प्याज के उत्पादन में महाराष्ट्र पहले नंबर आता है और दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश आता है|
प्याज का उत्पादन सर्वप्रथम महाराष्ट्र में होता इसका मुख्य कारण है की महाराष्ट्र के किसान भाईयो एक वर्ष में प्याज की तीन खेती करते है अर्ली, खरीफ और रबी सीजन में वह अधिकत्म प्याज की खेती करते है|
प्याज की खेती से जुडी कुछ प्रमुख जानकारियां
हमारे भारत देश में प्याज की खेती सब्जी फसल के रूप में की जाती है, प्याज फसल का प्रयोग सब्जी, मसालों और दवाइयों के रूप में भी इसका प्रयोग करे है|
प्याज के फल पौधे की जड़ / जमीन में पाए जाते है, भारत देश में प्याज को “कांदा” नाम से भी जाना जाता है| प्याज में कई तरह से पोषण तत्व पाए जाते है| इसकी वजह से ही प्याज हमारे शरीर के लिए लाभकारी होता है|
इसकी खेती सभी राज्यो के किसान करते है, भारतीय बाजार में पूरे वर्ष प्याज की मांग रहती है| प्याज की खेती एक ऐसी खेती है, जिसकी खेती हम साल में तीन बार कर सकते है|
बहुत से किसान ऐसे भी है जो प्याज खेती करना चाहते है परंतु उनके पास पर्याप्त पानी नही होता इस वजह से वह प्याज की खेती नही कर पाते है| यदि आप इस स्थिति से गुजर रहे है तो हम आपके लिए एक बेस्ट टिप्स लेकर आए है| इस टिप्स को फॉलो करे|
यदि आपके पास प्याज की खेती करने के लिए पर्याप्त पानी नही है तो आपको अपने खेत में एक बड़ा सा गड्ढा खोदकर रख लेना है और उस गड्डे को इस तरह तैयार करे की उसमे पानी भरा जा सकते| उस गड्डे को पक्का गड्डा बनो दो, जब भी बारिश होगी तब ये गड्डा भर जाएगा और फिर जरूरत पड़ने पर पानी निकल लेना|
इस प्रकार से आप प्याज की खेती करने के लिए पानी की व्यवस्था कर सकते है, परंतु आप पानी को आवश्यकता अनुसार ही प्रयोग करे अन्यथा आपके टैंक में पानी खत्म हो सकता है|
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प्याज की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी कुछ इस प्रकार से करे
यदि आप प्याज की खेती करना चाहते हो तो आप प्याज किसी भी सीजन में कर सकते है, मिट्टी तैयार करने से पहले आप अपनी खेती की मिट्टी की जांच करवाले की मिट्टी का पीएच कितना है| यदि आपकी मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 रहा है तो फिर इस मिट्टी में खेती कर सकते है|
यदि आपकी मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 से अधिक रहा है तो पहले आपको अपनी मिट्टी को खेती योग्य बनाना होगा| इसके लिए आपको अपने खेत में कुछ जैविक खाद डालना होगा या फिर आप पशुओं का गोबर भी डाल सकते है|
प्याज खेती
प्याज की खेती लिए सबसे अच्छा सीजन / मौसम
जैसे की आप सभी किसान भाईयो जानते है की प्याज की खेती वर्ष में दो बार होती है और कुछ क्षेत्रों में तीन बार भी होती है| यदि आप खरीफ के सीजन में प्याज की फसल करना चाहते है तो आपको अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में प्याज की रोपाई शुरू कर देनी चाहिए|
यदि आप रबी फसल में प्याज की फसल करना चाहते है तो आपको जनवरी या फरवरी में प्याज की रोपाई शुरू कर देनी चाहिए|
प्याज की खेती लिए जलवायु और मिट्टी की प्रमुख जानकारी
यदि हम प्याज की खेती के लिए सबसे अच्छी जलवायु की बात करे तो, इस खेती के ऊपर दोनो मौसम का प्रभाव नही पड़ता है परंतु इस खेती में ज्यादा ठंड और ज्यादा गर्मी नही होना चाहिए|
लेकिन जब प्याज का कंद पकने लगे उस समय वातावरण का तापमान 30 डिग्री सेंटीग्रेट से 35 डिग्री सेंटीग्रेट होना चाहिए| अन्यथा आपकी फसल पर इसका बुरा असर पड़ सकता है|
प्याज की खेती के लिए आपके खेत की मिट्टी पीली मिट्टी, दोमट मिट्टी या उत्तम जल निकास वाली जमीन होना चाहिए| इस प्रकार की जमीनों में प्याजो की खेती अधिक होती है|
प्याज की खेती सिंचाई कैसे करे?
यदि आपके पास प्रयाप्त पानी नही है तो फिर आप सिंचाई के लिए ड्रिप विधि / नाली / क्यारी विधि के मध्यम से सिंचाई कर सकते है| हमारे भारत देश में कई राज्य ऐसे जहा पौधे लगाने के बाद ही सूची कर देते है| उन्हें जमीन की नमी के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए|
यदि आपने पहली सिंचाई कर दी है तो आपको अगली सिंचाई के लिए आपको 8 दिनों से 10 दिनों तक के अंतराल में दूसरी सिंचाई का काम शुरू कर देना है|
प्याज की खेती के लिए सबसे बेस्ट खाद
यदि आप प्याज की खेती कर रहे है तो फिर आपको जैविक खाद का प्रयोग आवश्य ही करना चाहिए या फिर आप रसायनिक खाद का प्रयोग करना चाहते है तो आपको सुपर फास्टफेट, डीएपी, यूरिया, सड़ी हुई पशु का गोबर खाद डालकर खेती कर सकते है|
खाद डालने के बाद आपको रोटेवर की मदद से मिट्टी की दो से तीन बार पलटवार कर दे| इससे आपकी मिट्टी का उपजाव पन भी बडेग|
प्याज का उत्पादक आंकड़ा प्रति एकड़
यदि आपकी भूमि श्रेष्ठ है तो, आपको 100 कुंटल प्रति एकड़ के हिसाब से प्याज का उत्पादन हो सकता है, परंतु यदि आप अच्छी तरह से करे तो उत्पादन का रेट बड़ भी सकता है|
प्याज का उत्पादन आपकी भूमि के उपजाव पर निर्भर रहता है, इसका उत्पादन अलग अलग क्षेत्रों में अलग उत्पादन रेट आता है|