समाकलित खरपतवार प्रबन्ध क्या है what is integrated weed management in hindi
खरपतवार नियंत्रण की रासायनिक विधियां हालांकि अधिक प्रभावी रही हैं, क्योंकि इनके द्वारा खरपतवारों को आसानी से उन्मूलित ( Eradicate ) किया जा सकता है। पर रासायनिक विधियों में अनेक कमियां ( Limitations ) होने के कारण समस्या साल दर साल नई होती जा रही है।
क्योंकि किसी खरपतवार विशेष को भरने के लिए अपनाई गई खरपतवार नाड़ी या तो कुछ वर्षों बाद निष्प्रभावी हो जाती है। अथवा आज की नई खरपतवार प्रजाति जो आम उप पतवार है कल का मुख्य खरपतवार बन जाता है। क्योंकि हम रासायनिक विधियों द्वारा किसी खरपतवार विशेष को ही लक्ष्य ( Target ) बनाते हैं जिसके कारण अन्य खरपतवारों को फूलने - फलने का भरपूर मौका प्राप्त हो जाता है।
इसके अतिरिक्त खरपतवारनाशी रसायनों के निरंतर उपयोग करने से मृदा में उपस्थित विभिन्न जीवाणुओं की संख्या में गिरावट, खाद्य पदार्थों का विकावती करण, जल जीवों के ऊपर विषैला प्रभाव, आगामी फसलों पर अवशेष विशाक्तता तथा फसल पैदावार क्षमता में कमी तथा फसलों की गुणवत्ता में गिरावट जैसी अनेक समस्याओं के निदान के लिए सर्वप्रथम नोडा महोदय ने सन् 1977 में सिफारिश की कि खरपतवार नियंत्रण को फसल से न जोड़कर फसल प्रणाली के आधार पर सोचा जाये
तथा केवल रासायनिक दवाइयों पर निर्भर रहने के बजाये कई प्रकार की खरपतवार नियंत्रण की विधियों को संयुक्त रूप से लागू किया जाये। उन्होंने इस पद्धति को समाकलित खरपतवार प्रबंधन पद्धति ( integrated weed management system ) कहे जाने की सिफारिश की थी।
समाकलित खरपतवार प्रबन्ध की परिभाषा definition of integrated weed management
विश्व के विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों ने समाकलित खरपतवार प्रबन्ध प्रणाली ( IWMS ) को निम्नवत परिभाषित किया है।
क्षेत्र विशेष अथवा परिस्थिति विशेष पर संभव विभिन्न खरपतवार नियंत्रण विधियों का समावेश करते हुए खरपतवारों की संख्या को हानिरहित स्तर के नीचे लाना जिससे की फसल उत्पादन की आर्थिकता, परिस्थितिकी, तथा उत्पाद विशाक्तता पर कोई संकट न खड़ा हो समाकलित खरपतवार प्रबन्धन कहलाता है।
जयकुमार एवं जगन्नाथन ने सन् 2003 में समाकलित खरपतवार प्रबन्ध को निम्न तरीके से परिभाषित किया।
समन्वित खरपतवार प्रबन्धन उन समस्त आर्थिक, परिस्थितिकीय तथा विशाक्ता रहित खरपतवार नियंत्रण विधियों का समावेश है जिससे कि खरपतवार धनत्व को हानिरहित स्तर के नीचे लाकर प्रकृतिक संसाधनों की सतत उपयोगिता को बनाये रखना है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि समन्वित खरपतवार प्रबन्ध योजना एक फसल के लिए बनाने के बजाय एक फसल प्रणाली के अनुसार बनाना ज्यादा प्रभावी होगा।
रासायनिक खरपतवार नियंत्रण की कमियाँ Constraints in Chemical weed control
रासायनिक खरपतवार नियंत्रण की कमियाँ निम्नलिखित हैं :-
• विभिन्न प्रकार की खरपतवार प्रजातियों के लिए अलग-अलग प्रकार के रसायन डालने होते हैं जो कि एक बहुत कठिन काम है।
• प्रयोग किए गए रसायनों के कारण मृदा के मित्र जीवों की संख्या में भारी मात्रा में गिरावट आती है।
• आसपास के जलाशय तथा भूमिगत जल प्रदूषित हो जाते हैं।
• फसल विशेष में एक ही वर्णात्मक रसायन के क्रमिक उपयोग से खरपतवार मुख्य खरपतवार की भूमिका में आ जाते हैं। जिसके कारण खरपतवार प्रविष्टि ( Weed flora ) परिवर्तित हो जाती है।
• कृषि उत्पादों में लगने वाली लागत की मात्रा अधिक बढ़ जाती है।
• उत्पादन का प्रदूषित हो जाना।
• उत्पादन की लागत बहुत बढ़ जाती है।
• उत्पादन अपेक्षाकृत बहुत कम होता है।
• उत्पाद की गुणवत्ता तथा उत्पादन कम होने के कारण किसानों को शुद्ध लाभ की मात्रा बहुत कम प्राप्त होती है।
• उत्पादन में प्रदूषकों की उपस्थिति के कारण उत्पादन को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्वीकार नहीं किया जाता है अथवा उत्पादन का उचित मूल्य नहीं प्राप्त होता है।
• रसायनों का आने वाली फसल पर भयावह अवशेष प्रभाव के कारण कभी-कभी आगामी फसल का पूर्णतया नष्ट हो जाना।
• मिश्रित फसली कार्यक्रम तथा बहुमंजिली खेती अपनाना संभव हो जाता है, क्योंकि वही खरपतवारनाशी सभी फसलों के लिए उपयुक्त नहीं होती है।
• विशिष्ट कृषि जो आज एक संकट सिद्ध हो रहा है को बढ़ावा देना।
• कृषि विविधीकरण ( Agricultural diversification ) पर ऋणात्मक प्रभाव छोड़ना।
• कृषि मजदूरों को रोजगार संभावनाऐं कम करना।
समन्वित खरपतवार प्रबन्धन से होने वाले लाभ Advantages of integrated weed management system
समन्वित खरपतवार प्रबन्धन की सार्थकता Relivance of ( IIWMS )
समन्वित खरपतवार प्रबन्धन से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं :-
• समन्वित खरपतवार प्रबंधन पद्धति को अपनाने से उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ खरपतवार प्रविष्ट की संरचना नहीं बदलती है तथा मृदा में खरपतवार बीज भण्डार भी नहीं बढ़ता है।
• समन्वित प्रणाली अपनाने से अन्य विधियों की तुलना में पूर्ण खरपतवार प्रबन्धन लम्बी अवधि तक प्राप्त किया जा सकता है, क्योंकि इसमें एकल खरपतवार नियंत्रण विधि की कमियां नहीं होती हैं।
• यह एक पर्यावरण मित्र ( Eco - friendly ) पद्धति है। क्योंकि इस विधि को अपनाकर मृदा तथा जल का खरपतवारनाशी रसायनों द्वारा प्रदूषण तथा मृदा सूक्ष्म जीवाणुओं पर शाकनाशी रसायनों के दुष्प्रभाव को रोका
जा सकता है।
• यह पद्धति एक समाकलित व्याधि - जीव प्रबन्धन ( integrated pest management ) का पूरक सिद्ध होती है। क्योंकि खरपतवार की विभिन्न प्रजातियां रोगजनकों तथा कीणों के आश्रय का काम करते हैं। यदि यह पद्धति अपनाई जाती है तो सभी प्रजातियों के खरपतवारों की संख्या कम होने के कारण हमें वांछित लाभ प्राप्त होता है।
• उच्च कर्षण सघनता ( Higher cropping intensity ) की दशाओं में इस पद्धति को अपनाकर शुद्ध लाभ ( Net profit ) को बढ़ाया जा सकता है।
• यह एक सरल पूर्व से परिचित तथा आसानी से स्वयं रूपान्तरणीय भी है। अतः समय के साथ किसान अपने अनुभवों के आधार पर इसके ढांचे को परिवर्तित कर सकता हैं।
• यह पूरे प्रक्षेत्र तथा प्रणाली के हिसाब से सुनियोजित होने के कारण पूरे प्रक्षेत्र पर खरपतवार घनत्व को कम करने में सक्षम सिद्ध होती है।
• इस पद्धति को अपनाकर उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ किसान बाजार में उत्पादन की मांग तथा मूल्य तथा अंतर्राष्ट्रीय मांग में भी वृद्धि कर सकता है।
• इस विधि में अपनाई जाने वाली सभी प्रक्रियाओं से किसान पहले ही परिचित होता है, जिसके कारण उसे आसानी से अंगीकृत कर सकता है।
• इस विधि से उत्पादित किए गये पदार्थों की पोषण गुणवत्ता भी अच्छी रहती है। क्योंकि खाद्य पदार्थों में प्रदूषण न के बराबर उपस्थित होता है।
समन्वित खरपतवार प्रबन्ध पद्धति की सीमाएं Limitations of IWMS / IWM
समन्वित खरपतवार प्रबन्ध पद्धति की सीमाएं निम्नलिखित हैं :-
• समन्वित खरपतवार प्रबन्धन योजना फसल विशेष के साथ-साथ एक ही स्थान से दूसरे स्थान की मौलिक स्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती है।
• इस पद्धति में खरपतवार नियंत्रण की अनुपूरक विधियों को ही साथ में अपनाया जा सकता है। यह निर्धारित है करना एक सावधानी परक तथा जटिल कार्य है
• यहां तक कि एक स्थान पर एक ही फसल प्रणाली में निर्धारित IWM प्रोग्राम समय के साथ, मॉडल के अवयवों की महत्ता कम होने के अथवा बढ़ने के कारण उसमें आंशिक परिवर्तन की आवश्यकता बढ़ सकती है।
• IWM मॉडल में आवश्यकतानुसार कभी किसी खरपतवार नियंत्रण विधि को बाहर करने तथा किसी नई विधि को शामिल करने की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
• शुरूआत के वर्षों में खरपतवार नियंत्रण का स्तर सीमित होता है परंतु कई खरपतवार नियंत्रण विधियां अपनाई जाने के कारण लागत अधिक बढ़ सकती है। अतः शुरू में लाभ कम हो सकता है।
• समन्वित खरपतवार प्रबन्धन में जैविक खरपतवार नियंत्रकों की सही पहचान तथा जीवित प्राप्त करना भी एक चुनौतीपूर्ण विषय है। कभी-कभी किसी समय किसान को उचित bioagent न मिलने के कारण अथवा bioagent के सक्रिय न होने के कारण जैविक नियंत्रण अवयव का योगदान न हो पाने से किसान को धोखा हो सकता है।