खरपतवारों का वर्गीकरण Classification of weeds
खरपतवारों के वर्गीकरण में मुख्यत: उनके अंकुरण, बढ़ने, पकने का समय, उनकी आयु, खरपतवारों के वृद्धि करने का ढंग, उनकी जलवायु एवं मृदा संबंधी आवश्यकता, उनकी भौतिक, दैहिकी व फसलों के साथ घनिष्ठता आदि कारकों को विशेष आधार माना जाता है।
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खरपतवारों का वर्गीकरण कीजिए | Classification of weeds in Hindi |
खरपतवारों का वर्गीकरण हिंदी में
खरपतवारों का वर्गीकरण निम्नलिखित है -
1. जीवन चक्र के आधार पर खरपतवारों का वर्गीकरण (Classification of weeds based on life cycle)
(अ) एकवर्षीय खरपतवार ( Annual weeds )
ये खरपतवार अंकुरण से लेकर पकने तक के जीवन चक्र को एक वर्ष में ही पूरा कर लेते हैं। अधिकतर ये खरपतवार जनन बीजों द्वारा ही तैयार होते हैं। मौसम के आधार पर पुनः इनका वर्गीकरण निम्नलिखित दो प्रकार से करते हैं -
( i ) वर्षा ऋतु अथवा खरीफ की फसल के खरपतवार -
ये खरपतवार वर्षा ऋतु के शुरू होते ही उग आते हैं। एक वर्ष या इससे भी कम समय में ये खरपतवार अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं। अधिकतर ये खरपतवार अपनी उत्पत्ति बीजों द्वारा करते हैं। कर्गा, पत्थरचटा व विसखपरा इसके उदाहरण है।
( ii ) शरद ऋतु अथवा रबी की फसल के खरपतवार ( Rabi season weeds ) -
इन खरपतवारों का अंकुरण बरसात समाप्त होने व शरद ऋतु के प्रारंभ में होता है। इनके पौधे रबी फसलों के साथ-साथ अपना जीवन चक्र पूरा करें लेते हैं। कृष्ण नील, खरबथुआ, बथुआ, प्याजी व सत्यानाशी इसके उदाहरण है।
(ब) द्विवर्षीय खरपतवार ( Biennial weeds )
इस श्रेणी के खरपतवार प्रथम वर्ष में अपनी वानस्पतिक वृद्धि करते हैं व दूसरे वर्ष में बीजोत्पादन कर अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं। इसके मुख्य उदाहरण जंगली गाजर एवं जंगली गोभी है।
(स) बहुवर्षीय खरपतवार ( Perennial weeds )
इस वर्ग के खरपतवार एक बार उगकर कई वर्षों तक फूलते-फलते रहते हैं। इन खरपतवारों का विस्तार वानस्पतिक भागों जैसे-राइजोम, ट्यूबर, नट, बल्ब आदि से होता है। उपयुक्त जलवायु में ये खरपतवार बीजोत्पादन भी करते हैं। इस वर्ग के खरपतवारों का पुनः दो उपवर्गों में विभाजन किया जाता है -
( i ) काष्ठिल खरपतवार ( Shrubs weeds )
इस वर्ग के खरपतवारों के तने सख्त ( woody ) होते हैं। विशेष रूप में इनमें बहुवर्षीय झाड़ियां व जंगली पेड़ आते हैं। पहले कई वर्षों तक ये बीजों का उत्पादन न कर अपनी वानस्पतिक वृद्धि करते हैं। एक बार बीज पैदा करने पर निरंतर प्रत्येक वर्ष बीज पैदा करते रहते हैं। इसके मुख्य उदाहरण झरबेरी, आक व लटजीरा है।
( ii ) शाकीय खरपतवार ( Herbs weeds )
इस वर्ग के खरपतवार प्रथम वर्ष में अपनी वानस्पतिक वृद्धि करते हैं व दूसरे वर्ष में बीजों का उत्पादन प्रारंभ करके, निरंतर आने वाले कई वर्षों तक बीजों का उत्पादन करते रहते हैं। इसके तने व शाखाऐं मुलायम होती हैं। इसके मुख्य उदाहरण मोथा व हिरनखुरी हैं।
2. बीजपत्र के आधार पर खरपतवारों का वर्गीकरण ( Classification of weeds based on cotyledons )
बीजपत्र के आधार पर खरपतवारों को दो प्रमुख वर्गों में विभक्त किया गया है -
(अ) एक बीजपत्री खरपतवार ( Monocot weeds )
इन खरपतवारों के बीजों को तोड़ने पर बीज दो दालों में नहीं टूटता। इस वर्ग में ग्रैमनी कुल के खरपतवार जैसे-दूब, मोथा, प्याजी, कांस, जनखरा आदि आते हैं।
(ब) द्विबीजपत्री खरपतवार ( dicot weeds )
इस वर्ग के खरपतवारों के बीजों को तोड़ने पर बीज दो दालों में बट जाते हैं। इस वर्ग में बथुआ, कृष्ण नील, दूध, मुरेला, हिरनखुरी, मकोय, सत्यानाशी व विसावपय आदि आते हैं।
3. खरपतवार का फसल संबंध के आधार पर वर्गीकरण ( classification based on crop relationship )
इस वर्ग में किसी फसल के वे पौधे जो कृषक की बिना इच्छा के खेत में दूसरी फसल किसी में उग आते हैं, खरपतवार की श्रेणी में गिने जाते हैं। इस वर्गीकरण के आधार पर खरपतवारों को पुनः निम्नलिखित उप-वर्गों में विभाजित किया गया है -
(अ) वास्तविक खरपतवार ( Absolute weeds )
इस वर्ग के अंदर उपयुक्त सभी एकवर्षीय, द्विवर्षीय खरपतवार सम्मिलित है। कृषक को सदैव इन खरपतवारों से हानि ही पहुंचती है। फसल उत्पादन में यह एक प्रमुख समस्या है। जैसे-सत्यानाशी, कृष्ण नील, हिरनखुरी, बथुआ आदि।
(ब) सम्बन्धित खरपतवार ( Relative weeds )
इस वर्ग में फसलों के वे पौधे, जिन्हें किसान खेत में नहीं बोता तथा वे स्वयं ही उग आते हैं, संबंधित खरपतवार कहलाते हैं। जैसे-गेहूं के खेत में जौ, चना व सरसों आदि यदि उग आयें, तो ये संबंधित खरपतवार कहलाते हैं। अशुद्ध बीज का बोना ही इस प्रकार की समस्या पैदा करता है।
(स) रोगय ( Rogue )
जब किसी फसल की अन्य जाति का पौधा बिना बोये खेत में उगता है, तो वह रोगय कहलाता है। उदाहरण के रूप में यदि गेहूं की एच.डी. 2260 की फसल में बिना बोये गेहूं की यू.पी. 262 जाति का पौधा उग आये तो वह रोगय कहलाएगा। किसी जाति विशेष की शुद्धता को बनाये रखने के लिए इस प्रकार के अनाच्छित पौधों को खेत से उखाड़ना ( रोगिंग ) आवश्यक होता है।
4. खरपतवारों की रोकथाम एवं उन्मूलन की सफलता को ध्यान में रखते हुए वर्गीकरण ( Classification keeping in view the success of weed prevention and elimination )
यह वर्गीकरण पौधों की विशेषताओं व जीवन-चक्र के आधार पर किया गया है -
(अ) चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार ( Broad leaved weeds )
जिन खरपतवारों की पत्तियां चौड़ी होती है, वे इसी वर्ग में आते हैं। जीवन-चक्र के आधार पर इनके पुनः दो उपवर्ग बनाए गए हैं -
( i ) एकवर्षीय खरपतवार ( Annual weeds )
जैसे - बथुआ, मुरेला, मकोय, जंगली चौलाई, पत्थरचटा, मुनमुना, चटरीमटरी, भंगड़ा, गजरी व जंगली जूट आदि।
( ii ) बहुवर्षीय खरपतवार ( Perennial weeds )
जैसे - हिरनखुरी व वायुसुरी आदि।
(ब) सँकरी पत्ती वाले खरपतवार ( Narrow leaved weeds )
इस वर्ग में घास कुल के पौधे आते हैं, जीवन-चक्र के आधार पर इनको भी दो उपवर्गों में विभक्त किया गया है -
( i ) एकवर्षीय खरपतवार ( Annual weeds )
जैसे - मकडा़ आदि।
( ii ) बहुवर्षीय खरपतवार ( Perennial weeds )
जैसे - जनखरा, दूब, काँस, सरपट आदि।
(स) सेजिज ( Sedges )
इस श्रेणी के एकवर्षीय एवं बहुवर्षीय खरपतवार अपनी वृद्धि नट, बल्ब, ट्यूबर व राइजोम से करते हैं। साइप्रस स्पिसीज के खरपतवार मुख्यत: इसमें आते हैं। जैसे-मोथा।
खरपतवार से मिलते जुलते कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1. वार्षिक खरपतवार क्या है?
उत्तर - जो खरपतवार अपने अंकुरण से लेकर पकने तक के जीवन चक्र को एक वर्ष में पूरा कर लेते हैं। वार्षिक खरपतवार कहलाते हैं। अधिकतर ये खरपतवार जनन बीजों द्वारा ही तैयार होते हैं। उदाहरण - पत्थरचटा, बथुआ, सत्यानाशी आदि।
प्रश्न 2. खरपतवार क्या है?
उत्तर - खरपतवार वे अनावश्यक पौधे हैं जो खेतों में फसलों के साथ बिना बोये उग आते हैं और फसलों को अत्यधिक मात्रा में हानि पहुंचाते हैं, खरपतवार कहलाते हैं।
प्रश्न 3. किन्हीं 5 खरपतवारों के नाम लिखिए?
उत्तर - खरपतवारों के नाम निम्नलिखित हैं -
1. कृष्ण नील
2. कंघी
3. जंगली चौलाई
4. सत्यानाशी
5. हिरनखुरी
6. पत्थरचटा
7. बथुआ
8. लटजीरा
9. धतूरा
10. कासनी
प्रश्न 4. एक वर्षीय खरपतवारों के नाम लिखिए?
उत्तर - एकवर्षीय खरपतवारों के नाम निम्नलिखित हैं -
1. कर्गा
2. पत्थरचटा
3. विसखपरा
4. कृष्ण नील
5. खरबथुआ
6. बथुआ
7. प्याजी
8. सत्यानाशी
प्रश्न 5. खरपतवार नाशक क्या है?
उत्तर - वे रसायन जिनका प्रयोग खरपतवारों को नष्ट करने के लिए किया जाता है, खरपतवार नाशक अथवा शाकनाशी ( Herbicide ) कहलाते हैं।